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Sunday 15 March 2015

उपभोक्ता संरक्षण मामलों में त्वरित निर्णय करने वाले न्यायाधीशों का होगा सम्मान

उपभोक्ता संरक्षण मामलों में त्वरित निर्णय करने वाले न्यायाधीशों का होगा सम्मान
विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस के कार्यक्रम में खाद्य मंत्री कुँवर शाह 

खण्डवा (15मार्च,2015) - खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा है कि उपभोक्ता के हितों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। प्रदेश में हाल ही के वर्षों में उपभोक्ताओं के हितों में अनेक फैसले लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण के मामलों में जिन फोरम में 90 दिन के अन्दर जल्द निर्णय लिये जायेंगे, उनके अध्यक्षों एवं सदस्यों को सम्मानित किया जायेगा। यह बात खाद्य मंत्री कुँवर शाह ने शनिवार को प्रशासन अकादमी भोपाल में विश्व उपभोक्ता संरक्षण दिवस पर सेमीनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली संस्थाओं को भी सम्मानित किया।
मंत्री कुँवर शाह ने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग से प्रदेश की सवा 5 करोड़ आबादी का हित जुड़ा हुआ है। इन जिम्मेदारियों को देखते हुए विभागीय अधिकारियों का दायित्व काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। खाद्य मंत्री ने कहा कि राज्य एवं जिला-स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण परिषद का पुनर्गठन एक माह के अंदर किया जायेगा। जिन जिलों में उपभोक्ता फोरमों में न्यायाधीशों की कमी है, वहाँ इनकी नियुक्ति किये जाने के प्रभावी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी संगठन जागरूकता के माध्यम से उपभोक्ता कानूनों को व्यवहारिक रूप देने का प्रयास करें। प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उल्लेख करते हुए खाद्य मंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द ही कंट्रोल एक्ट लागू होगा। एक्ट के बाद पीडीएस के माध्यम से उपभोक्ता को और सुविधाएँ दी जा सकेंगी। खाद्य मंत्री कुँवर शाह ने कहा कि आम जनता को नियत समय पर सेवा दिलवाये जाने के मक़सद से लोक सेवा गारंटी अधिनियम को लागू किया गया है। इस अधिनियम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ आर्थिक दण्ड का भी प्रावधान किया गया है। सी.एम. हेल्पलाइन-181 से राशन दुकानों की व्यवस्था को भी जोड़ा गया है। 
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष जस्टिस श्री राकेश सक्सेना ने कहा कि दुनिया में सबसे पहले अमेरिका में 15 मार्च, 1962 को उपभोक्ताओं के हितों का कानून बनाया गया। भारत में उपभोक्ताओं के हितों में वर्ष 1986 में कानून बना। इसके बाद से समय-समय पर इनमें लगातार संशोधन हुए। आज उपभोक्ता कानून के दायरे में बीमा, स्वास्थ्य, बेंकिंग जैसी सुविधाएँ भी आ गई हैं। जस्टिस श्री सक्सेना ने उपभोक्ताओं को ब्राण्ड वेल्यू की जानकारी देने के लिये विशेष फोरम गठित किये जाने की आवश्यकता बतायी। प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्री अशोक वर्णवाल ने कहा कि जिन उपभोक्ता ब्राण्ड की वस्तुओं में उपभोक्ताओं से जुड़ी ज्यादा शिकायत आती हैं, उनके आँकड़े वेबसाइट पर प्रदर्शित किये जायें तो इससे लोगों में जागरूकता आयेगी। उन्होंने उपभोक्ताओं के हितों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिये स्वयंसेवी संगठनों से आगे आकर कार्य करने को कहा। आयुक्त खाद्य, नागरिक आूपर्ति श्री मनोहर अगनानी ने उपभोक्ता संरक्षण दिवस पर आयेाजित सेमीनार एवं इससें जुड़े कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।

प्रारंभ में उपभोक्ता मामलों के जानकार श्री राम खन्ना ने ई-कॉमर्स और ई-रिटेलिंग में कानूनी प्रावधान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में उपभोक्ता कानून के प्रावधानों को भी शामिल किया जाये। इससे युवा पीढ़ी जागरूक हो सकेगी। एक प्रदर्शनी में विभिन्न एजेंसी ने अपने स्टॉल लगाकर उपभोक्ताओं के हितों में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
क्रमांक/62/2015/360/वर्मा

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