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Sunday, 12 April 2020

4 वर्षीय बेटे को नानी के घर भेजकर योगेश व निकिता निभा रहे हैं अपना फर्ज

सफलता की कहानी

4 वर्षीय बेटे को नानी के घर भेजकर योगेश व निकिता निभा रहे हैं अपना फर्ज

खण्डवा 12 अप्रैल, 2020 - दुनिया के अधिकांश देश इन दिनों कोरोना संक्रमण से उत्पन्न संकट से जूझ रहे है। कोरोना पीडि़त मरीजों के उपचार एवं कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच का कार्य इस समय अत्यन्त कठिन है। उपचार करने वाले तथा मरीजों के सेम्पल लेने वाले स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टर्स को पी.पी.ई. किट एवं अन्य सुरक्षात्मक साधन व उपकरण उपलब्ध कराये गये है, लेकिन बावजूद इसके कोरोना संक्रमण का खतरा तो बना ही रहता है। इस सबके बावजूद स्वास्थ्य कर्मी दिन रात करोनो संक्रमित मरीजों की दिन रात सेवा कर रहे हैं। इन्ही में से एक है जिला चिकित्सालय खण्डवा में पदस्थ लैब टेक्नीशियन श्री योगेश सोनी जोकि संक्रमित मरीजों के सेम्पल कनेक्शन की ड्यूटी में संलग्न होने से अस्पताल में ही रह रहे है, ताकि परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण का खतरा न रहे। 
       योगेश बताते है कि उनकी पत्नि श्रीमती निकिता सोनी भी जिला अस्पताल में ही सेवारत है। घर में 4 वर्ष का बेटा श्रीनव भी है। चूंकि पति पत्नि दोनों जिला अस्पताल में ड्यूटी दे रहे है, ऐसे में बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए नानी के घर भेज दिया है। योगेश ने बताया कि वो कोरोना के संदिग्ध 65 मरीजों के सेम्पल अभी तक ले चुके है, जिसमें से एक मरीज का सेम्पल चूंकि अब पॉजिटिव निकल चुका है, इसलिए संक्रमण का खतरा पहले से अधिक हो गया है। योगेश ने बताया कि वह 8 अप्रैल के बाद से वह अपने घर नही गए है तथा अस्पताल के ही एक कक्ष में रह रहे है। योगेश सोनी बताते है कि उनके पिता श्री कडू सोनी भी पिछले 36 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। लैब टेक्नीशियन योगेश कहते है कि ड्यूटी तो करना ही है लेकिन सुरक्षात्मक उपायों के साथ। योगेश का मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग एवं लॉकडाउन की स्थिति के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा नियंत्रित तो हुआ हैं। वो कहते है कि कुछ ही दिनों में ‘‘कोरोना हारेगा और देश जीतेगा‘‘।

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