खण्डवा में स्वसहायता समूह बना रहे है मॉस्क, सेनेटाइजर व पीपीई किट
स्वसहायता समूह की श्रीमती कल्पना व कविता से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की चर्चा
खण्डवा 25 अप्रैल, 2020 - प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत महिला स्वसहायता समूहों की दीदीयों से चर्चा की तथा कहा कि महिला सशक्तिकरण का सबसे अच्छा माध्यम है महिला स्वसहायता समूह। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश के महिला स्वसहायता समूहों ने मॉस्क, पीपीई किट , हेंड ग्लब्स, सेनेटाइजर तैयार कर कोरोना से लड़ने में मदद की है। इन सामग्रियों का निर्माण कर महिला स्वसहायता समूहों की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खण्डवा जिले के गोकुल गांव के राधा स्वामी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती कल्पना व बोरगांव खुर्द के श्री सांई ग्रामीण आजीविका स्वसहायता समूह की श्रीमती कविता पटेल से चर्चा की। इस दौरान कल्पना ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में जब मजदूरों को रोजगार की समस्या आ रही है, ऐसे में महिलाओं ने स्वसहायता समूहों के माध्यम से फेस मॉस्क व सेनेटाइजर का निर्माण किया, जिससे महिला सदस्यों का आय तो प्राप्त हुई ही, साथ ही जिले के नागरिकों को उचित मूल्य पर मॉस्क, सेनेटाइजर, हेंड ग्लब्स जैसी सामग्री उपलब्ध हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान से चर्चा करते हुए स्वसहायता समूह अध्यक्ष श्रीमती कविता पटेल ने बताया कि सेनेटाइजर उत्पादन का विधिवत प्रशिक्षण लेकर गुणवत्ता युक्त सेनेटाइजर उनके द्वारा तैयार किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खण्डवा जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक सुश्री शकुंतला डिडौरे एवं श्रीमती नीलिमा सिंह भी मौजूद थी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खण्डवा जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा के दौरान स्कूल के विद्यार्थियों की गणवेश तैयार करने के संबंध में भी पूछताछ की, जिस पर महिलाओं ने गणवेश सिलाई के कार्य के लिए सहर्ष स्वीकृति दे दी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन कुमार सिंह ने बताया कि आबकारी विभाग से लायसेंस लेकर स्वसहायता समूह की महिलाओं ने गुणवत्ता युक्त सेनेटाइजर तैयार किया, जो कि नगर निगम, पुलिस अधीक्षक, जनपद पंचायत जैसे विभिन्न कार्यालयों को प्रदाय किया गया। इस दौरान बताया गया कि खण्डवा जिले में महिला स्वसहायता समूह द्वारा 188949 मॉस्क तैयार किए गए, जिसमें से 179934 का वितरण भी कर दिया गया है। इसी तरह महिला स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार 3440 लीटर सेनेटाइजर में से 3360 लीटर सेनेटाइजर का विक्रय हो चुका है। जबकि 1427 पीपीई किट तैयार की गई, जिसमें से 1203 का विक्रय स्वसहायता समूहों द्वारा किया जा चुका है। स्वसहायता समूह द्वारा 320 सेट हेंड ग्लब्स भी तैयार किए गए है। उल्लेखनीय है कि खण्डवा जिले में मॉस्क निर्माण गतिविधि में कुल 87 स्वसहायता समूह सक्रिय है, जिनका टर्न ओवर 17.84 लाख है। इसी तरह सेनेटाइजर निर्माण के कार्य में 400 स्वसहायता समूह सक्रिय है, इनका टर्न ओवर 11.74 लाख है। जिले में 15 समूह पीपीई किट का निर्माण कर रहे है, इनका टर्न ओवर 7.65 लाख रूपये है। हेंड ग्लब्स निर्माण में 12 स्वसहायता समूह सक्रिय है। महिला स्वसहायता समूह द्वारा इसके अलावा बच्चों के पायजामे, लोवर, टीशर्ट, टोपी, लेगींग, जैसी सामग्री भी तैयार की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खण्डवा जिले के स्वसहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा के दौरान स्कूल के विद्यार्थियों की गणवेश तैयार करने के संबंध में भी पूछताछ की, जिस पर महिलाओं ने गणवेश सिलाई के कार्य के लिए सहर्ष स्वीकृति दे दी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रोशन कुमार सिंह ने बताया कि आबकारी विभाग से लायसेंस लेकर स्वसहायता समूह की महिलाओं ने गुणवत्ता युक्त सेनेटाइजर तैयार किया, जो कि नगर निगम, पुलिस अधीक्षक, जनपद पंचायत जैसे विभिन्न कार्यालयों को प्रदाय किया गया। इस दौरान बताया गया कि खण्डवा जिले में महिला स्वसहायता समूह द्वारा 188949 मॉस्क तैयार किए गए, जिसमें से 179934 का वितरण भी कर दिया गया है। इसी तरह महिला स्वसहायता समूहों द्वारा तैयार 3440 लीटर सेनेटाइजर में से 3360 लीटर सेनेटाइजर का विक्रय हो चुका है। जबकि 1427 पीपीई किट तैयार की गई, जिसमें से 1203 का विक्रय स्वसहायता समूहों द्वारा किया जा चुका है। स्वसहायता समूह द्वारा 320 सेट हेंड ग्लब्स भी तैयार किए गए है। उल्लेखनीय है कि खण्डवा जिले में मॉस्क निर्माण गतिविधि में कुल 87 स्वसहायता समूह सक्रिय है, जिनका टर्न ओवर 17.84 लाख है। इसी तरह सेनेटाइजर निर्माण के कार्य में 400 स्वसहायता समूह सक्रिय है, इनका टर्न ओवर 11.74 लाख है। जिले में 15 समूह पीपीई किट का निर्माण कर रहे है, इनका टर्न ओवर 7.65 लाख रूपये है। हेंड ग्लब्स निर्माण में 12 स्वसहायता समूह सक्रिय है। महिला स्वसहायता समूह द्वारा इसके अलावा बच्चों के पायजामे, लोवर, टीशर्ट, टोपी, लेगींग, जैसी सामग्री भी तैयार की जा रही है।
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