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Thursday 23 April 2020

कोरोना के विरुद्ध प्लानर, इम्पलीमेंटर और मोटीवेटर मुख्यमंत्री के 30 दिन

विशेष लेख

कोरोना के विरुद्ध प्लानर, इम्पलीमेंटर और मोटीवेटर मुख्यमंत्री के 30 दिन

खण्डवा 23 अप्रैल, 2020 - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके शपथ लेने के पहले ही प्रदेश में कोरोना की आमद की सूचना थी परन्तु प्रदेश में उससे निपटने की तैयारी नहीं थी। मुख्यमंत्री ने शपथ लेते ही रात को ही कोरोना रोकथाम के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक कर जो आवश्यक काम का जो सिलसिला शुरू किया, वह आज तक जारी है। कोरोना संकट के कारण ही मंत्रीमण्डल गठन में विलम्ब हुआ। मुख्यमंत्री को ही ‘‘वन मेन आर्मी‘‘ के रूप में कोरोना से युद्ध लड़ना पड़ा। उन्होंने कोरोना से लड़ाई का पूरा सिस्टम नये सिरे से खड़ा किया और वह भी तब जब लॉकडाउन के कारण जरूरी सेवाओं वाले विभागों को छोड़कर शेष सारे सरकारी दफ्तर बंद थे, यहाँ तक कि मंत्रालय भी। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री चौहान की भूमिका बहुआयामी हो गई - प्लॉनर, इम्पलीमेंटर और मोटीवेटर। इन तीनों भूमिका में मुख्यमंत्री खरे उतरे। पिछले तीस दिन में मुख्यमंत्री ने जिस तरह तेजी से सुविचारित फैसले लेकर मध्यप्रदेश और यहाँ के लोगों को कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुट किया, वह काबिले तारीफ है। मुख्यमंत्री की निगाह से संकट के इस दौर में प्रदेश का कोई वर्ग अछूता नहीं रहा, उन्होंने सबकी चिंता की। उनकी चिंताओं के मूल में रहा कोरोना से लड़ाई और इसमें प्रदेशवासियों की मदद।
कोरोना से बचाव के लिये स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत बनाया
           जैसा कि स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ने 23 मार्च को शपथ लेते ही अपने आपको कोरोना के विरूद्ध संघर्ष में एक योद्धा की तरह झोंक दिया। नतीजा भी अच्छा आया। 23 मार्च के पहले जहाँ प्रदेश में कोरोना की व्यापकता की तुलना में सुविधाएँ और उपलब्धियाँ बहुत कम थी। आज एक माह बाद प्रदेश की चिकित्सा प्रणाली इस संक्रमण के विरूद्ध पहले से अधिक मजबूत है। आज राज्य में 10 प्रयोगशालाओं में परीक्षण किये जा रहे हैं। इसी तरह दैनिक जाँच में भी वृद्धि हुई है। पूर्व में 1050 दैनिक परीक्षण हो रहे थे, अब 2000 परीक्षण प्रतिदिन हो रहे हैं। कुछ अन्य प्रयोगशालाओं को शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। परीक्षण किट भी सुलभ है और लगातार आपूर्ति की जा रही है। परीक्षण उपकरणों की बात करें तो प्रदेश के पास 22 हजार 520 आरटीपीसीआर है, 14 हजार 200 मैनुअल आर.एन.ए. हैं। पीपीई किट एक लाख से अधिक हैं, इनमें से 2500 रोजाना वितरित की जाती हैं। एन-95 मास्क की उपलब्धता एक लाख 86 हजार है, जिसमें से अभी तक 50 हजार वितरित किये गये हैं। हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन की 33 लाख से ज्यादा गोलियाँ और 2776 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं।
        संक्रमण प्रभावितों के लिये प्रदेश में 29 हजार 350 से अधिक आइसोलेशन बेड उपलब्ध है। 690 वेंटिलेटर के साथ प्रदेश में लगभग 840 आई.सी.यू. बेड भी उपलब्ध है, जिनकी संख्या लगातार बढ़ाई जा रही हैं। आवश्यकतानुसार छात्रावासों सहित अनेक शासकीय और निजी भवनों, उद्यानों, सामुदायिक केन्द्रों और शादी हॉलों को पूर्ण सुविधायुक्त क्वारेंटाइन सेन्टर में तब्दील किया गया है। कोरोना से मध्यप्रदेश की जंग में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग भी मुस्तैद है। एक माह पहले सेम्पल की टेस्टिंग क्षमता नहीं के बराबर थीं जो अब शीघ्र ही 5000 प्रतिदिन हो जायेगी। स्वास्थ्य अमले को कोरोना से जंग में मदद के लिये 59 पृष्ठीय विस्तृत मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है।
पीपीई किट अब प्रदेश में ही बन रही हैं
      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना मरीजों की सेवा में लगे अमले के उपयोग के लिये पीपीई किट की समस्या को सुलझाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। पीपीई किट की उपलब्धता बढ़ाने के लिये मध्यप्रदेश की ही प्रतिभा सिंटेक्स कंपनी को चुना गया। इनोवेटिव, एप्कोन एण्ड ट्रेंड्स अपेरल कम्पनी को भी इससे जोड़कर इनसे प्रदेश में ही पीपीई किट बनाने को कहा गया। इससे विदेशों से पीपीई किट मँगाने में होने वाली देरी खत्म हुई। आज प्रदेश में एक लाख से अधिक पीपीई किट है। पीपीई किट उत्पादन 7 से 8 हजार प्रतिदिन पहुँच गया है, जो आने वाले दिनों में 10 हजार किट प्रतिदिन हो जायेगा।
बीमा कंपनियों को फसल बीमा प्रीमियम के 2200 करोड़ रूपये जारी
       कोरोना आपदा से ग्रामीण अर्थ व्यवस्था पर पड़े प्रभाव और समय पर फसल कटाई न होने, उपज बिक्री में देरी और अन्य दीगर कारणों से प्रदेश के किसान भाइयों को परेशानी हुई है। सरकार ने उनके हित में अनेक निर्णय लिये हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के भुगतान की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। पिछली सरकार द्वारा खरीफ एवं रबी फसलों के लिये फसल बीमा राशि के रूप में 2200 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिल सका। वर्तमान राज्य सरकार ने मार्च माह में ही बीमा कंपनियों को 2200 करोड़ रूपये जारी कर दिये। अब शीघ्र ही प्रदेश के 15 लाख किसानों को 2900 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्राप्त होगी। किसानों को प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर जो फसल ऋण वर्ष 2018-19 में दिया गया था, उसके भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मई कर दी गयी है। 
लॉकडाउन से प्रभावित आदिवासियों को राहत
       लॉकडाउन के कारण प्रदेश के और अन्य राज्यों में फंसे प्रदेशवासियों की चिंता भी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की। राज्य के गरीब परिवारों को एक माह का राशन निःशुल्क दिया गया। सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति के परिवारों को दी जाने वाली सहायता राशि दो माह की एडवांस में दी गई। मकान मालिकों से फिलहाल किरायेदार से किराया न लेने और फेक्ट्री श्रमिकों वेतन और मानदेय देने के निर्देश दिये गये। प्रदेश के 8.85 लाख श्रमिकों के खाते में  एक-एक हजार रुपये जमा कराये गए। उनके खातों में कुल 88 करोड़ रुपये से अधिक की आपदा राशि ट्रांसफर की गई।

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