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Tuesday, 18 June 2019

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह


सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए उपयोगी सलाह

खण्डवा 18 जून, 2019 - विगत वर्ष जिन स्थानों पर सोयाबीन की फसल पर व्हाइट ग्रब सफेद सूंडी का प्रकोप हुआ था उन क्षेत्रों के कृषको को सलाह है कि व्हाइट ग्रब के वयस्को को एकत्र कर नष्ट करने के लिए अपने खेतो में प्रकाश जाल अथवा फिरोमोन टैªप का प्रयोग करें। साथ ही बोवाई से पूर्व इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. 1.25 मि.ली. प्रति किलो बीज से बीजोपचार अवश्य करें।  उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने किसान भाईयों को सलाह दी है कि वर्षा के आगमन पश्चात सोयाबीन की बौवनी हेतु मध्य जून से जूलाई के प्रथम सप्ताह का उपयुक्त समय है। नियमित मानसून के पश्चात लगभग 4 इंच वर्षा होने के बाद ही बुवाई करना उचित होगा। उत्पादन में स्थिरता की दृष्टि से 2 सें 3 वर्ष एक बार खेत की गहरी जुताई करना लाभप्रद होता है। अतः जिन किसान भाईयो ने खेत की गहरी जुताई नही की हो कृपया अवश्य करें। उसके बाद बख्खर या कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करे। उपलब्धता अनुसार अपने खेत में 10 मीटर के अतंराल पर सब-सॉयलर चलाएं जिससे मिट्टी की कठोर परत को तोडने से जल अवशोषण या नमी का संचार अधिक समय तक बना रहे। खेत की अंतिम बखरनी से पूर्व अनुशंसित गोबर की खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर या मुर्गी की खाद 2.5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से डालकर खेत में फैला दे। 
            उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित सोयाबीन किस्मो में से उपयुक्त किस्मों का चयन कर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करे। उपलब्ध सोयाबीन बीज का अकुंरण परीक्षण न्यूनतम 70 प्रतिशत सुनिश्चित करें। बीज उपचार हेतु अनुशंसित फफुंदनाशक जैसे पैनफ्लूफेन व ट्रायफ्लोक्सीस्ट्रोबीन 1 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज अथवा थायरम व कार्बोक्सीन 3 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज अथवा थायरम व कार्बेन्डाजिम 2: 1 में 3 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपयोग हेतु उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही जैविक कल्चर ब्रेडीराइजोबियम जपोनिकम एवं स्फुर घोलक जीवाणु दोनों प्रत्येक 5 ग्रा. प्रति कि.ग्रा. बीज की दर से उपयोग करें। पीला मोजाइक बीमारी की रोकथाम के लिए अनुश्ंासित फफुंदनाशक से बीजोपचार पश्चात् अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्सम 30 एफ. एस. 10 एम.एल. प्रति कि.ग्रा. बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफ.एस. 1.2 मि.ली. प्रति कि.ग्रा. बीज से बीजोपचार करने हेतु उपलब्धता सुनिश्चित करे। 

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