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Wednesday 26 June 2019

नंदू के खेतों में छायेगी हरियाली, और किसानों के घरों में आयेगी खुशहाली

खुशियों की दास्तां

नंदू के खेतों में छायेगी हरियाली, और किसानों के घरों में आयेगी खुशहालीकलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने हरसूद क्षेत्र में नदी पुनर्जीवन के कार्य देखें


खण्डवा 26 जून, 2019 - प्रदेश सरकार द्वारा नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत ऐसी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए जल संग्रहण संरचनाएं निर्मित की जा रही है जो कि भूजल के अत्याधिक दोहन के कारण अब वह सूख चुकी हो। नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम के तहत ‘‘रूपारेल नदी‘‘ को चयनित किया गया है, जो कि हरसूद व खालवा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों से होकर गुजरती है, लेकिन पिछले कई वर्षो से यह नदी लगभग सूख चुकी है। रूपारेल नदी के आसपास जल स्तर बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्य कराए गए है। इन कार्यो में स्टाॅप डेम, चेक डेम, निस्तार तालाब, पोखर, खेत तालाब, नाला विस्तारीकरण, गली प्लगिंग, गेवियन स्टेªक्चर, कन्टूर ट्रेंच के कार्य शामिल है। 
कलेक्टर श्रीमती तन्वी सुन्द्रियाल ने बुधवार को खालवा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खमलाय का दौरा कर वहां नदी पुनर्जीवन योजना के तहत बनाई गई जल संरचनाओं को देखा। इसी दौरान उन्होंने कुंमीढाना में हाल ही में 3 लाख रू. लागत से बनाए गए स्टाॅप डेम को भी देखा। ग्राम कुंमीढाना निवासी नंदू कोरकू आदिवासी का खेत इस स्टाॅप डेम के पास ही स्थित है। नंदू कोरकू ने इस दौरान कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल को बताया कि स्टाॅप डेम के पास उसका 15 एकड़ का खेत है, जिसमें वर्षा के भरोसे वह थोड़ी बहुत खेती करता आ रहा है, व साल में केवल एक ही फसल ले पाता था, जिससे घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नही है। नंदू बताता है कि वर्षा का पानी रोकने के लिए कोई स्टाॅप डेम न होने से वर्षा समाप्त हो ही खेत सूखने लगते थे और बड़ी मुश्किल से थोड़ी बहुत उपज हो पाती थी। अब इस स्टाॅप डेम के बन जाने से नंदू बहुत खुश है। नंदू ने कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल को खुशी खुशी बताया कि स्टाॅप डेम के कारण अब सालभर पानी रूकने से वह साल में रबी व खरीफ दोनों फसल ले पायेगा। स्टाॅप डेम से आसपास के जल स्त्रोतों का स्तर बढ़ेगा ही साथ ही नंदू व आसपास के किसानों के खेतों में हरियाली छायेगी, जिससे उनके जीवन में निश्चित ही खुशहाली भी आयेगी। 
कलेक्टर श्रीमती सुन्द्रियाल ने इस दौरान ग्राम खेड़ी, मछौड़ी रैयत व रजूर में भी नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के तहत बनाई गई जल संरचनाओं को देखा। उन्होंने ग्राम खमलाय में 7 लाख रू. लागत से निर्मित निस्तार तालाब तथा ग्राम सोनखेड़ी में बनाए गए एक दर्जन से अधिक लूज बोल्डर चेक की श्रृंखला देखी। उन्होंने ग्राम बोरीसराय में पानी रोकने के लिए 13 लाख रूपये लागत से बनी रिंग बंड का कार्य भी देखा। इस रिंग बंड के बन जाने से लगभग 1 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र में वर्षा का पानी रूकेगा। उन्होंने ग्राम अम्बाखाल में स्टाॅप डेम तथा सीरिज में बनाए गए 4 तालाब भी देखें। एसडीएम हरसूद श्री पार्थ जायसवाल ने इस दौरान बताया कि रूपारेल नदी के पुर्नजीवन के लिए जनपद पंचायत, हरसूद द्वारा 70 एवं जनपद पंचायत, खालवा द्वारा 173 इस प्रकार कुल 243 कार्य स्वीकृत किए गए है, इन कार्यो की लागत 316.73 लाख रूपये है।

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