स्वास्थ्य विभाग की दो दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित
खण्डवा 15 फरवरी, 2019 - प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के उन्मुखीकरण के लिए दो दिवसीय कार्यशाला स्थानीय होटल में कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कार्यशाला में कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेको नवाचार किए गए हैं, जिससे नवजात शिशुओं की मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आयी है। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कार्यशाला में बताया कि नवम्बर 2017 में जहां 223 महिलाओं के प्रसव उनके घरों पर हुए थे। वहीं मार्च 2018 में यह संख्या घटकर 137 रह गई और वही अक्टूबर में 30 , नवम्बर में 25 तथा दिसम्बर 2018 में तो मात्र 14 और जनवरी 2019 माह में मात्र 10 प्रसव ही घर पर हुए। इस संख्या को जच्चा गाड़ी के माध्यम से शून्य पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यशाला में सहायक कलेक्टर डाॅ. सौरभ सोनवणे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल, सिविल सर्जन डाॅ. ओ.पी. जुगतावत, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सेक्टर मेडिकल आॅफिसर, जिला चिकित्सालय के चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाॅफ तथा पीरामल फाउन्डेशन और टाटा ट्रस्ट के सदस्य भी मौजूद थे। इस दौरान जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए गुरूवार को आंतकवादी हमले में शहीद हुए जवानों के प्रति मौनधारण कर श्रद्धांजलि दी।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कार्यशाला में संबोधित करते हुए बताया कि जिले के आदिवासी बहुल विकासखण्ड खालवा के ऐसे दूरस्थ क्षेत्र जहां कि मोबाइल नेटवर्क न होने से ग्रामीणजन महिलाओं के प्रसव के लिए जननी एक्सप्रेस या 108 एम्बूलेंस नही बुला पाते है, वहां के लिए दो पहिया वाहन से अटेच होने वाली जच्चा गाड़ी विकसित की गई है, जो किसी भी ग्रामीण की मोटर साइकिल से अटेच हो सकती है और उसकी मदद से प्रसूता महिला निकटतम शासकीय प्रसव केन्द्र तक आसानी से जा सकती है। ऐसा करने से घरों में होने वाली डिलेवरी को रोका जा सकेगा एवं सुरक्षित प्रसव संभव होगा। कार्यशाला के दौरान कलेक्टर श्री गढ़पाले ने दो पहिया वाहन से अटेच होने वाली जच्चा गाड़ी का प्रदर्शन भी डाॅ. हिमांशु भूषण एवं उनकी टीम के समक्ष किया। उन्होंने बताया कि आदिवासी बहुल क्षेत्र खालवा में स्वास्थ्य एवं टीकाकरण कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार वन्या रेडियो के माध्यम से कोरकू व निमाड़ी बोली में किया जा रहा है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व चिकित्सकों की ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यालय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए लोक सेवक एप खण्डवा के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों के कुपोषण स्तर में कमी लाने के लिए उन्हें स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने समक्ष आयरन की गोली तथा बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उन्हें थर्डमील का पोष्टिक आहार खिला रही है।
कार्यशाला में नेशनल हेल्थ सपोर्ट रिसर्च सेंटर नई दिल्ली के प्रमुख सलाहकार डाॅ. हिमांशु भूषण, व उनके दल में शामिल डाॅ. विनय बोथरा, श्री अजीत कुमार सिंह, कल्पना पवालिया, डाॅ. नितिका शर्मा, डाॅ. शारिफ शर्मा, डाॅ. फजर ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में डाॅ. भूषण द्वारा बताया गया कि जिला अस्पताल सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं देने के लिए नियमित रूप से अस्पताल की माॅनिटरिंग करना चाहिए, उसके लिए एक कमेटी बनाकर कार्य योजना अनुसार प्राथमिकता के अनुसार अस्पताल में मरीजों को सेवा देना चाहिए, इसको ध्यान में रखते हुए पैथोलाॅजी जांचें, लक्ष्य कार्यक्रम के अनुसार लेबर रूम की क्वालिटी और प्रसूति वार्ड की सुविधाएं सुनिश्चित करना चाहिए। अस्पतालों में सभी उपकरण क्रियाशील हो इसके लिए भी मेडिकल आॅफिसर उसकी नियमित माॅनिटरिंग करें। कायाकल्प अभियान के तहत सभी अस्पतालों में शासकीय की गाईड लाइन अनुसार अस्पतालों में सुधार कर गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं दी जाये। उन्होंने बताया कि कम मानव संसाधन पर भी अच्छी से अच्छी सेवाएं दी जा सकती है। डाॅ. भूषण द्वारा चिकित्सकों के प्रश्नों के समाधान के लिए आॅनलाइन दिल्ली से विषय विशेषज्ञ द्वारा उनकी चर्चा कर उनका समाधान कराया गया। उन्होंने कहा कि जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों में हेल्थ एण्ड वेयरनेस सेंटर को भी क्रियाशील किया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणजनों को लाभ मिल सकें।
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