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Tuesday, 26 February 2019

बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित होगी ‘‘युवा स्वाभिमान योजना‘‘

बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान साबित होगी ‘‘युवा स्वाभिमान योजना‘‘

खण्डवा 26 फरवरी, 2019 - शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले 21 से 30 वर्ष की आयुवर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान किये जाने एवं जीवन यापन की तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये राज्य शासन ने ‘मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना’ प्रारम्भ की है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये एक वर्ष में निर्धारित अवधि तक युवाओं को सार्थक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराया जायेगा।
योजना का उद्देश्य एवं पात्रता- मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना के अन्तर्गत नगरीय निकायों में निवासरत 21 से 30 वर्ष की आयुवर्ग के बेरोजगार युवाओं को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। युवाओं की रूचि अनुसार ऐसे ट्रेड में कौशल प्रशिक्षण प्रदाय करवाना है, जिससे भविष्य में उन्हें स्थाई रोजगार प्राप्त हो सके। योजना में पात्रता के लिये युवक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय 2 लाख रूपये से कम होना चाहिये। मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र के निवासी होना चाहिये। एक जनवरी 2019 को जिनकी आयु 21 से 30 वर्ष के मध्य हो और मनरेगा योजना के जॉबकार्डधारी न हो, योजना में पात्र होंगे।
योजना का स्वरूप एवं उसका क्रियान्वयन- योजना के अन्तर्गत पात्र युवाओं को एक वर्ष में 100 दिन के लिये चार हजार रूपये प्रतिमाह की दर से कुल 13 हजार रू. स्टाईपेंड पर नगरीय निकायों में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जायेगा। सम्बन्धित नगरीय निकाय नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी। योजना में आवेदन करने वाले युवक-युवती को जो कार्य सौंपा जायेगा, प्रथम 10 दिन में निकाय द्वारा उस कार्य को सुचारू रूप से करने के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। अगले 90 दिन में युवकों द्वारा कार्य सम्पादित किया जायेगा। इन 90 दिन में पंजीकृत युवा कौशल विकास प्रशिक्षण एवं नगरीय निकाय में रोजगार दोनों साथ-साथ करेगा। 
युवा अपना पंजीयन पोर्टल पर करा सकते हैं - पात्र अभ्यर्थी एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आज ही पोर्टल www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in  पर अथवा सम्बन्धित मोबाइल एप पर ओटीपी आधारित पंजीयन करा लें। इसके बाद आवेदक स्वयं अथवा एमपी ऑनलाइन के माध्यम से पंजीयन कर अभिस्वीकृति पत्र का प्रिंटआऊट प्राप्त कर सकते हैं। पोर्टल द्वारा आवेदकों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर कार्य आवंटन कर उन्हें उनके मोबाइल पर एसएमएस एवं मोबाइल एप पर दी जायेगी। नगरीय निकाय के नोडल अधिकारी उनका आधार आधारित सत्यापन करेंगे तथा 21 फरवरी से 5 मार्च तक नगरीय निकाय स्तरीय 10 दिवसीय प्रशिक्षण संचालित करेंगे। इसके बाद स्टाइपेंड का प्रथम आधार आधारित भुगतान अभ्यर्थी के बैंक खाते में सीधे किया जायेगा। अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने पर प्रतीक्षा सूची तैयार की जायेगी, जिन्हें द्वितीय बैच में अवसर दिया जायेगा।

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