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Monday 25 February 2019

तरबूज की खेती से जगदीश हुआ मालामाल, ड्रिप सिंचाई पद्धति बनी वरदान

खुशियों की दास्तां

तरबूज की खेती से जगदीश हुआ मालामाल, ड्रिप सिंचाई पद्धति बनी वरदान

खण्डवा 25 फरवरी, 2019 - तरबूज की खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो रही है। ऐसा ही खण्डवा जिले के पुनासा विकासखण्ड के ग्राम बावड़िया में हो रहा है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली और उन्नत किश्मों ने इस गांव के किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने में मदद की है, जिससे किसानों को कुल लागत का 5 गुना आय प्राप्त हुई।
ग्राम बावड़िया के किसान जगदीश बिरला ऐसे ही किसान है जिन्होंने तरबूज की खेती के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है। जगदीश बिरला पहले प्रायवेट कम्पनी में काम करते थे उससे उनके परिवार की जरूरतें पूरी नही होती थी। उन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी निजी जमीन पर खेती करने का निणर्य तब लिया जब जगदीश बिरला उद्यानिकी विभाग के अधिकारी श्री संदीप बिरला के सम्पर्क में आये एवं उद्यानिकी विभाग की योजनाओं एवं नई तकनीकी जानकारी ली। जगदीश बिरला ने 2 हेक्टेयर कृषि भूमि पर ड्रिप सिंचाई प्रणाली से तरबूज की खेती व नामधारी व सागर किंग किस्म लगाई। चार बार खेती की जुताई कर 25 टन प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर खाद डाली व 300 कि.ग्रा डीएपी और 150 कि.ग्रा. पोटाश से खेत का आधार तैयार किया। उसके बाद कृषक ने उद्यानिकी विभाग से ड्रिप सामग्री अनुदान पर ली व बीज बुआई कर लगातार उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में खेती शुरू की।
बुआई के 70 दिन बाद पहली पैदावार तैयार हुई इससे उसे 55 टन नामधारी व 60 टन सागरकिंग तरबूज प्राप्त हुआ। कृषक को तरबूज की खेती पर कुल 1.80 लाख रू. लागत आई। तरबूज बेचकर प्राप्त आय में से लागत निकालकर भी जगदीश को 9 लाख रूपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। यह सब कुछ ड्रिप सिंचाई प्रणाली एवं उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से संभव हो सका है। अपनी इस अभूतपूर्व लाभ से जगदीश बिरला बहुत खुश है और देखते ही देखते पुरा गांव तरबूज की खेती करने लगा है। 

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