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Saturday 23 February 2019

उद्यानिकी विभाग से मिला शेडनेट, ताराचंद के लिए वरदान साबित हुआ

खुशियों की दास्तां

उद्यानिकी विभाग से मिला शेडनेट, ताराचंद के लिए वरदान साबित हुआ

खण्डवा 23 फरवरी, 2019 - पुनासा विकासखण्ड के ग्राम भोगावा निवासी किसान ताराचंद बिरला के पास 1 हेक्टेयर जमीन है यह केवल 10वी कक्षा तक पढ़े है। पम्परागत खेती में बहुत मुश्किल से वर्ष भर गुजारा करने लायक अनाज मिल पाता था, क्योंकि पहले यह अपनी जमीन में पैतृक खेती करते व कम आय प्राप्त होती थी। कई बार तो फसल की लागत भी नही मिलती थी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। बाद में वह उद्यानिकी विभाग पुनासा के अधिकारियों के सम्पर्क में आय व उद्यानिकी विभाग द्वारा उन्हें अन्य कृषक के साथ सब्जी उत्पादन की नई तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया तब उन्होंने प्रशिक्षण से शेडनेट हाउस में उच्च कोटि की सब्जी की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उसके पश्चात श्री ताराचंद बिरला ने उद्यानिकी विभाग से शेडनेट 50 प्रतिशत अनुदान पर बनवाया जिसका क्षेत्रफल 4000 वर्ग मीटर था। साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में उच्च कोटि की सब्जियों की खेती योजना के साथ उन्होंने अपने शेडनेट हाउस में खीरा सब्जी की फसल की शुरूआत की। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के साथ उन्होंने अपने शेडनेट हाउस में खीरा सब्जी की फसल की शुरूआत की। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में उन्हें अनुदान भी प्राप्त हुआ जो कि उन्हें उच्च कोटि की सब्जियों की खेती करने में बहुत सहयोगी सिद्ध हुआ। उन्होंने मार्च के महीने में खीरा फसल लगाई व उसकी तुड़ाई अप्रैल महीने में की जिसे 20 रू. किलो की दर से बेचकर 4000 वर्ग मी. क्षेत्र भूमि में 8 लाख रू. प्राप्त किये इसके बाद वह लगातार खीरा फसल ले रहे है। उन्हें खीरा फसल में 2 लाख रू. खर्चा आया व उनको लगभग 6 लाख रू. का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। श्री ताराचंद उच्च कोेटि की सब्जी की खेती करके बहुत खुश है। वह उद्यानिकी अधिकारियों की सलाह से सब्जी की खेती कर रहे है। सब्जी उत्पादन के लाभ को देखकर उनके गांव व आसपास के किसान भी सब्जी उत्पादन के लिए तैयार होकर सब्जी उत्पादन कर रहे है। ग्राम भोगावा के साथ विकासखण्ड पुनासा जिला खण्डवा में श्री ताराचंद बिरला प्रगतिशील किसान के रूप में प्रसिद्ध है। उद्यानिकी विभाग ने भी पुरूस्कार के लिये उनका नाम आगे भेजा है। यह सब कुछ राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में उच्च कोटि की सब्जी की खेती व लगातार उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से ही संभव हो पाया है। 

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