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Sunday 13 December 2015

आपसी विवादों के सुलझाने की सबसे आसान व्यवस्था है लोक अदालत - जिला न्यायाधीश श्री दुबे

आपसी विवादों के सुलझाने की सबसे आसान व्यवस्था है लोक अदालत
                                                               
- जिला न्यायाधीश श्री दुबे
नेषनल लोक अदालत सम्पन्न



खण्डवा 12 दिसम्बर ,2015 - विवादों को आपसी सुलह के माध्यम से निपटारे की सबसे आसान व्यवस्था लोक अदालत है। लोक अदालत आपसी समझौते के आधार पर प्रकरण निपटाने की ऐसी सरल प्रक्रिया है, जिसमें जटिल से जटिल प्रकरणों का सुगमता से निराकरण हो जाता है। यह बात जिला एवं सत्र न्यायाधीष तथा अध्यक्ष जिला विविध सेवा प्राधिकरण श्री गौरीषंकर दुबे ने आज जिला न्यायालय परिसर खण्डवा में आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल , पुलिस अधीक्षक डॉ. मेहन्द्र सिंह सिकरवार, लोक अदालत की प्रभारी विषेष न्यायाधीष श्रीमती शषिकला चन्द्रा, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीष श्री शम्भूदयाल दुबे, बार एसोषियेषन के जिला अध्यक्ष श्री सरदार सिंह तंवर, तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री हेमंत यादव, अपर कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना सहित विभिन्न न्यायाधीष, अधिकारीगण व अधिवक्तागण मौजूद थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री दुबे ने इस अवसर पर कहा कि लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन के जरिए भी प्रकरणों का त्वरित निराकरण होता है और यह लोक अदालत की एक ऐसी सशक्त प्रक्रिया है, जिसमें प्रकरणों का जल्द निराकरण होता है। उन्होंने लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में लाभ उठाने की पक्षकारों से अपील की। श्री दुबे ने कहा कि लोक अदालत सरल और सुलभ न्याय दिलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने पक्षकारांे से आग्रह किया कि वे अन्य पक्षकारों को भी इस सरल एवं सुगम प्रक्रिया से लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। 
    सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री हेमंत यादव ने इस अवसर पर बताया कि लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए 25 खण्डपीठ बनाई गई है। उन्होंने बताया कि जिला प्रषासन के स्तर पर मध्य प्रदेष शासन के सभी विभागों के साथ साथ बैकिंग प्रकरण, नगर निगम, दूरसंचार टेलीकॉम कम्पनी विवादों को भी इस नेषनल लोक अदालत में शामिल किया गया है। श्री यादव ने बताया कि नेषनल लोक अदालत में समझौता योग्य सभी मामलें शामिल होंगे, जिनमें आपराधिक, चैंक बाउंसिंग, भरण पोषण, पारिवारिक एवं वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, सिविल प्रकरण, विद्युत मामलें, उपभोक्ता विवाद के मामलें, श्रम न्यायालय के मामलें, सहकारिता, राजस्व, लोक उपयोगी जन सेवाओं संबंधित मामलें, शासन से संबंधित सभी योजनाओं से उद्भूत होने वाले सभी विवादों को इस नेषनल लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किया जायेगा। 
      कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्षन जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री वीरेन्द्र खरे ने किया। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1986 को सर्वप्रथम लोक अदालत का आयोजन देष में किया गया था। जिसकी सफलता को देखते हुए अब हर वर्ष नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। जिसमें लाखों प्रकरणों का निराकरण पक्षकारो की आपसी सहमति के आधार पर किया जाता है। जिला बार एसोषियेषन के अध्यक्ष श्री तंवर ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य ही शीघ्र एवं सस्ता न्याय सुलभ कराना है। उन्होंने सभी अभिभाषकों से अपील की कि आज आयोजित लोक अदालत में पिछले वर्षो की परम्परा के अनुसार प्रदेष में सर्वाधिक प्रकरणों का निराकरण दोनों पक्षों की सहमति से कराये। 
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री हेमंत यादव ने बताया कि नेषनल लोक अदालत में खण्डवा जिले में गठित 25 खण्डपीठों में जिला न्यायालय के खण्डपीठ में 4495 मामलें निराकरण के लिए रखे गए। जिसमें 1377 मामलों का निराकरण किया गया। इनमें मोटर दुर्घटना दावों के 21 प्रकरणों में 27.67 लाख रूपये की राषि संबंधित व्यक्तियों को दिलाई गई है। जिला न्यायालय की खण्डपीठों में प्रीलिटिगेषन के 12723 मामले, विद्युत दूरसंचार, नगर निगम व बैंको से संबंधित रखे गए। जिनमें 4568 मामलों में 1.14 करोड़ का राजस्व वसूल किया गया है। इसमें विद्युत विभाग की वसूली 88.29 लाख रूपये रही। राजस्व न्यायालय द्वारा लोक अदालत से संबंधित 14559 मामलो का निराकरण किया गया तथा 5.42 लाख हितग्राहियों को विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा लाभान्वित किया गया।

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