AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Monday 21 December 2015

भारतीय संस्कृति को जीवित रखने में ब्राम्हण समाज की भूमिका महत्वपूर्ण - स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र

भारतीय संस्कृति को जीवित रखने में ब्राम्हण समाज की भूमिका महत्वपूर्ण
- स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र





खण्डवा 21 दिसम्बर ,2015 - प्राचीन भारतीय संस्कारों व संस्कृति को आज तक जीवित रखने में ब्राम्हण समाज की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। चाहे वह वास्तुषास्त्र हो अथवा ज्योतिष शास्त्र, चाहे मौसम विज्ञान हो अथवा खगोल विज्ञान सभी क्षेत्र में ब्राम्हण समाज ने अपनी पहचान प्रारंभ से ही स्थापित की है। यह बात प्रदेष के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा राहत एवं पूनर्वास एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री श्री नरोत्तम मिश्र ने आज स्थानीय स्टेडियम में आयोजित तृतीय अंतर्राष्ट्रीय ब्राम्हण युवक-युवती परिचय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री षिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गो तथा सभी समाजों के नागरिकों की भलाई के लिए योजनाएं व कार्यक्रम प्रारंभ किए गए है। कार्यक्रम में मध्य प्रदेष राज्य गौसंवर्द्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष श्री षिव चौबे, खण्डवा विधायक श्री देवेन्द्र वर्मा, मांधाता विधायक श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, पंधाना विधायक श्रीमती योगिता बोरकर, महापौर श्री सुभाष कोठारी, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री हरीष कोटवाले सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व विप्रजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में ब्राम्हण परिचय सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के श्री बिसनोई ने इस परिचय सम्मेलन में सर्वाधिक लोगों के पंजीयन का विष्व रिकार्ड बनाने के लिए आयोजकों को प्रमाण पत्र भेंट किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भगवान परषुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्र ने अपने संबोधन मंे कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भगवान परषुराम की जन्मस्थली जानापाव के सौंदर्यीकरण व विकास के लिए 11.50 करोड़ रूपये स्वीकृत किए है। उन्होंने कहा कि इस तरह के परिचय सम्मेलनों के आयोजन से समाज के लोगों को आपस में मिलजुलकर अपने बच्चों के विवाह के प्रस्तावों पर चर्चा कर रिष्ते तय करने में आसानी होती है। स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्र ने कहा कि भारतीय संस्कृति में विज्ञान को शामिल करने का कार्य प्राचीनकाल में ही विद्वान ब्राम्हणों द्वारा किया गया, जो अविष्कार अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब कर रही है, ऐसे कईयों कार्य हजारों वर्ष पूर्व हमारे ऋषिमुनि कर चुके है। मौसम की जानकारी, चन्द्र ग्रहण, सूर्य ग्रहण का पूर्व अनुमान ज्योतिष व खगोल शास्त्र के माध्यम से हजारों वर्ष पूर्व से हमारे देष में किए जाते रहे है। स्वास्थ्य मंत्री श्री मिश्र ने कहा कि युवा ब्राम्हण के लिए रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है, यदि वे ज्योतिष विज्ञान एवं कर्मकाण्ड विज्ञान में अच्छी दक्षता हासिल कर लें तो घर बैठे हजारों रूपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकते है।  इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन विष्व ब्राम्हण संघ व सर्व ब्राम्हण समाज द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इससे पूर्व सर्व ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र शास्त्री व विष्व ब्राम्हण संघ के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र महंत ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम मंे वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेष शर्मा व श्री षिव चौबे ने भी संबोधित किया।  

No comments:

Post a Comment