जाने ई.व्ही.एम. मषीन को
जिस पर आज आप करेंगे मतदान
नगरीय निकाय निर्वाचन में उपयोग होने वाली मल्टी पोस्ट ईव्हीएम
खण्डवा (27 नवम्बर, 2014) - राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पहली बार नगरीय निकाय निर्वाचन में ई.व्ही.एम. मषीन का उपयोग किया जा रहा है। जिसपर आप आज शुक्रवार 28 नवम्बर को अपने मतदाधिकार का उपयोग करेंगे। तो आइयें आपको बताए मल्टी पोस्ट ई.व्ही.एम. मषीन की सम्पूर्ण जानकारी -
निकाय निर्वाचन 2014 में उपयोग होने वाली मल्टी पोस्ट ईव्हीएम के ईसीआईएल हैदराबाद से जिले में प्राप्त होने पर सर्वप्रथम मास्टर स्टॉक रजिस्टर में आमद की प्रविष्टि की जाती है। इसके बाद स्ट्रांग रूम में रखी जाती है।
चुनाव के पूर्व ईव्हीएम की प्रथम स्तरीय जाँच (एफएलसी) की जाती है। एफएलसी में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि/जिला पंचायत/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि उपस्थिति रहते हैं। उनके समक्ष ईव्हीएम की जाँच के बाद कंट्रोल यूनिट एवं बेलेट यूनिट के पीछे लाल रंग का स्टिकर तथा कंट्रोल यूनिट के ऊपर बैंगनी पेपर की सील लगाई जाती है। जन-प्रतिनिधियों द्वारा बैंगनी पेपर सील पर हस्ताक्षर किए जाते हैं। एफएलसी में जन-प्रतिनिधियों द्वारा मॉक-पोल किया जाता है। जिससे संतुष्टि हो सके कि ईव्हीएम सही कार्य कर रही है या नहीं।
अभ्यर्थिता घोषित हो जाने के बाद राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों के समक्ष ईव्हीएम की कमीशनिंग का कार्य किया जाता है। इस दौरान ईव्हीएम की पुनरू जाँच होती है। बेलेट यूनिट पर मत पत्र लगाकर उसे सील किया जाता है। उस पर भूरे रंग की पेपर सील लगाई जाती है। पेपर सील पर राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों/अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर करवाये जाते हैं। राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों/अभ्यर्थियों द्वारा मॉक-पोल करवाया जाता है, जिससे कि उन्हें इस तथ्य की संतुष्टि हो सके कि बेलेट यूनिट पर जिस अभ्यर्थी का बटन दबाया जा रहा है, उसी के सामने की लाइट जल रही है और बेलेट यूनिट में उसी को वोट मिल रहा है।
इस कार्यवाही का विधिवत् रिटर्निंग ऑफिसर के स्तर पर प्रमाणीकरण का दस्तावेज संधारित किया जाता है। इसमें उपस्थित समस्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर प्राप्त किए जाते हैं।
किस मतदान केन्द्र पर कौन सी ईव्हीएम का उपयोग किया जाना है, उसका चयन राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों के समक्ष रेण्डमाईजेशन की प्रक्रिया से किया जाता है। इस पर उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं। साथ ही मतदान केन्द्रवार उपयोग में लायी जाने वाली ईव्हीएम की जानकारी प्रत्येक राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों को दी जाती है।
यदि किसी मतदान केन्द्र में अपरिहार्य स्थिति में ईव्हीएम बदलने की परिस्थिति बनती है, तो उसकी भी जानकारी राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों को रिटर्निंग अधिकारी देता है।
चुनाव के दिन पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान अभिकर्ताओं के समक्ष मॉक पोल एवं सीयू की सीलिंग की जाती है। इस पर उनके हस्ताक्षर भी प्राप्त किए जाते हैं। चुनाव के बाद मत पत्र लेखा में उक्त मतदान केन्द्र पर प्रयोग में लाई गई प्रत्येक सीयू एवं बीयू की जानकारी की प्रविष्टि की जाती है। उसकी एक प्रति मतदान केन्द्र में उपस्थित प्रत्येक मतदान अभिकर्ता को देकर पावती प्राप्त की जाती है।
मतदान के दिन राजनैतिक दलों/अभ्यर्थियों को पूर्व से यह जानकारी रहती है कि किस मतदान केन्द्र पर कौन सी ईव्हीएम का उपयोग किया गया है।
मतगणना के दिन राजनैतिक दल/अभ्यर्थी यह देख सकते हैं, कि जिस ईव्हीएम का उपयोग किया गया है तथा जिन पर उनके हस्ताक्षर हैं, वही मशीन है या नहीं।
क्रमांक/173/2014/1820/वर्मा
No comments:
Post a Comment