पक्षियों को बर्ड फ्लू बीमारी से बचाने के उपाय करें
खण्डवा 4 नवम्बर, 2016 - पक्षियों में इन दिनों बर्ड फ्लू एवं अन्य कई बीमारियां होने की संभावना रहती है। ये बीमारियां एक पक्षी से दूसरे पक्षी में व दूषित पानी से अथवा प्रभावित पक्षी के मल-मूत्र पंखों के जरिये पूरे झंुड को तेजी से प्रभावित कर सकती है। उपसंचालक पषु चिकित्सा डॉ. जितेन्द्र कुल्हारे ने पौल्ट्री फार्म के संचालकों को सलाह दी है कि पक्षियों में होने वाली बीमारी से बचाव के लिए पक्षियों को बाड़ें में बंद रखे, केवल पोल्ट्री फार्म की देखभाल करने वालों को ही पक्षियों के पास जाना चाहिए। अनावष्यक लोगों को बाडे में प्रवेष न करने दे। बाड़े में और उसके आसपास साफ-सफाई बहुत जरूरी है। इस प्रकार जीवाणु और विषाणुओं से बचा जा सकता है। पक्षियों के बाड़ों को साफ-सुथरा रखें और पक्षियों का भोजन और पानी रोजाना बदलें। पौल्ट्री फार्म, बाड़ें को नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करते रहे।
उपसंचालक पषु चिकित्सा डॉ. कुल्हारे ने पोल्ट्री फार्म संचालको को समझाइष दी है कि अपने आपको और बाजार या अन्य फार्माे में अन्य पक्षियों के सम्पर्क में आने वाली हर चीज की साफ-सफाई रखे। नये पक्षी को कम से कम 30 दिन तक स्वस्थ पक्षियों से दूर रखें। बीमारी को फैलने से रोकने या बचाव के लिए पौल्ट्री के सम्पर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथ कपड़ों और जूतों को धोये तथा संक्रमण मुक्त करें। यदि आप अन्य फार्मो से उपकरणों औजारो या पौल्ट्री को उधार लेते है तो अपने स्वस्थ पक्षियों के सम्पर्क में आने से पहले भली भांति उनकी सफाई करे और संक्रमण मुक्त करें। पक्षियों पर नजर रखें, यदि अधिक पक्षी मर रहे हैं, आंखो, गर्दन, और सिर के आसपास सूजन हैं, रिसाव हो रहा हैं, पंखों, कलगी और टांगो का रंग बदल रहा हैं और पक्षी अण्डे कम देने लगे हैं तो यह सब बीमारी के संकेत हैं। पक्षियों में अचानक कमजोरी, पंख गिरने और हरकत कम होने पर नजर रखें। पक्षियों मंे असामान्य बीमारी अथवा मृत्यु की सूचना तुरंत नजदीकी पषु चिकित्सा संस्था को दें।
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