आपसी विवादों के सुलझाने की सबसे आसान व्यवस्था है लोक अदालत - जिला न्यायाधीश श्री गौतम
लोक अदालत में आपसी राजीनामे से हुआ हजारों प्रकरणों का निराकरण
खण्डवा 12 नवम्बर 2016 - विवादों को आपसी सुलह के माध्यम से निपटारे की सबसे आसान व्यवस्था लोक अदालत है। लोक अदालत आपसी समझौते के आधार पर प्रकरण निपटाने की ऐसी सरल प्रक्रिया है, जिसमें जटिल से जटिल प्रकरणों का सुगमता से निराकरण हो जाता है। यह बात जिला एवं सत्र न्यायाधीष तथा अध्यक्ष जिला विविध सेवा प्राधिकरण श्री आर.के.एस. गौतम ने शनिवार को जिला न्यायालय परिसर खण्डवा में आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में, पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, प्रभारी कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना लोक अदालत की प्रभारी न्यायाधीष श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल खाण्डेल , बार एसोषियेषन के जिला अध्यक्ष श्री सरदार सिंह तंवर, तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विक्रम सिंह बुले, सहित विभिन्न न्यायाधीषगण, अधिकारी व अधिवक्तागण मौजूद थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री गौतम ने इस अवसर पर कहा कि लोक अदालत में प्रिलिटिगेशन के जरिए भी प्रकरणों का त्वरित निराकरण होता है और यह लोक अदालत की एक ऐसी सशक्त प्रक्रिया है, जिसमें प्रकरणों का जल्द निराकरण होता है। उन्होंने लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में लाभ उठाने की पक्षकारों से अपील की। श्री गौतम ने कहा कि लोक अदालत सरल और सुलभ न्याय दिलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने पक्षकारांे से आग्रह किया कि वे अन्य पक्षकारों को भी इस सरल एवं सुगम प्रक्रिया से लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें। पुलिस अधीक्षक श्री सिकरवार ने इस अवसर पर कहा कि अदालतों में जिन विवादों के निराकरण वर्षो लगते थे लोक अदालतों के माध्यम से उन विवादों का निराकरण कुछ ही मिनटों में हो जाता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत ऐसी व्यवस्था है जिसमें प्रकरण के निराकरण में कोई भी पक्ष हारता नही है बल्कि दोनों ही पक्ष जीतकर अपने घर खुषी खुषी जाते है। प्रभारी कलेक्टर श्री सक्सेना ने इस अवसर पर कहा कि पिछले एक माह से लोक अदालत आयोजन के लिए जो तैयारियां की गई है उनके परिणाम स्वरूप आज अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण आपसी सहमति से हो जायेगा।
लोक अदालत के प्रभारी अधिकारी श्री सिंह ने इस अवसर पर बताया कि नेषनल लोेक अदालत आयोजन के लिए जिले के हरसूद सहित विभिन्न न्यायालयों में कुल 15 खण्डपीठ बनाई गई है। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा भी कुल 12 खण्डपीठ गठित की गई है, जिनसे आपसी सहमति से अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1986 को सर्वप्रथम लोक अदालत का आयोजन देष में किया गया था। जिसकी सफलता को देखते हुए अब हर वर्ष नेषनल लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। जिसमें लाखों प्रकरणों का निराकरण पक्षकारो की आपसी सहमति के आधार पर किया जाता है। जिला बार एसोषियेषन के अध्यक्ष श्री तंवर ने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य ही शीघ्र एवं सस्ता न्याय सुलभ कराना है। उन्होंने सभी अभिभाषकों से अपील की कि आज आयोजित लोक अदालत में पिछले वर्षो की परम्परा के अनुसार प्रदेष में सर्वाधिक प्रकरणों का निराकरण दोनों पक्षों की सहमति से कराये।
लोक अदालत के तहत किसान को दिया 1 लाख रूपये का चेक
प्रभारी कलेक्टर श्री सक्सेना ने अपने न्यायालय कक्ष मंे लोक अदालत के अंतर्गत ग्राम मोजवाड़ी निवासी लाल बहादुर पिता कालू को मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत 1 लाख रूपये का चेक प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि लाल बहादुर के पुत्र की गत दिनांे अपने खेत में कार्य करते समय दुर्घटना वष मृत्यु हो गई थी, जिस पर सरकार की कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत उसे आज चेक प्रदान किया गया।
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