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Friday 22 April 2016

बाल विवाह अवैधानिक है, बाल विवाह की सूचना जिला प्रषासन को दें

बाल विवाह अवैधानिक है, बाल विवाह की सूचना जिला प्रषासन को दें

खण्डवा  21 अप्रैल, 2016 - 18 वर्ष से कम आयु की कन्या या 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। भारतीय संविधान में बाल विवाह को दण्डनिय अपराध माना गया है। बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह कराने वाले माता पिता, भाई बहन, एवं परिवारजन तथा बाल विवाह से जुड़े बराती , घराती, पंडित, मोलवी, घोड़े वाले , बाजे वाले, हलवाई, विवाह पत्रिका छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाने के साथ साथ उन्हें जेल भेजने का प्रावधान भी किया गया है।  कलेक्टर डॉ. एम. के. अग्रवाल ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके आसपास कोई भी बाल विवाह होता पाया जाये तो उसकी सूचना निकटतम पुलिस थाने अथवा महिला सषक्तिकरण विवाह के परियोजना अधिकारी या जिला अधिकारी को तुरंत दें ताकि समय रहते बाल विवाह को प्रभावी तरीके से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की सूचना देने वालों के नाम गोपनीय रखे जायेंगे। उन्होंने बताया कि पंडित, मोलवी, घोड़े वाले , बाजे वाले, हलवाई, विवाह पत्रिका छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस संचालक किसी भी विवाह से संलग्न होने से पूर्व वर वधू की आयु संबंधी दस्तावेजों की प्रति प्राप्त कर उनका परीक्षण कर लें। यदि वर वधू बाल विवाह की श्रेणी में आते हो तो उसकी सूचना जिला प्रषासन या निकटतम पुलिस थाने को तत्काल दें। 
जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रीता नाथ ने बताया कि उनके कार्यालय का दूरभाष क्रमांक 0733-2222140 है। बाल विवाह संबंधी कोई भी सूचना इस दूरभाष नम्बर पर अथवा संरक्षण अधिकारी के मोबाईल नम्बर 81030-77694 पर दी जा सकती है। 

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