AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Monday, 14 September 2015

मानसिक विकलांग बच्चों के साथ अपने जीवन की खुषियां साझा करें - कलेक्टर डॉ. अग्रवाल

मानसिक विकलांग बच्चों के साथ अपने जीवन की खुषियां साझा करें
 - कलेक्टर डॉ. अग्रवाल
मानवाधिकार आयोग का स्थापना दिवस मनाया गया



खण्डवा 14 सितम्बर,2015 - मानसिक विकलांग व नैत्रहीन बच्चों के प्रति दया का भाव प्रदर्षित न करते हुए सहयोग का भाव प्रदर्षित करना चाहिए। हमें उनके साथ अपने जीवन की छोटी-छोटी खुषियों को साझा करना चाहिए। यह बात कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने आज स्थानीय गौरीकंुज सभागृह में मानवाधिकार आयोग मध्य प्रदेष के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि वे प्रतिवर्ष अपने पुत्र का जन्मदिन मानसिक विकलांग व नैत्रहीन बच्चों के साथ ही मनाते है, इसके अलावा अन्य पर्वो व महत्वपूर्ण अवसरों पर भी इन्हीं बच्चों के साथ रहकर उन्हें काफी खुषी मिलती है। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ. महेन्द्र सिंह सिकरवार, उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री राजेष गुप्ता, जिला संयोजक एवं आयोग मित्र श्री नारायण बाहेती, सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी.जुगतावत सहित निःषक्तजन कल्याण के क्षेत्र में संलग्न समाज सेवी संगठनों के प्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस अवसर पर निःषक्तजनों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विषेष षिविर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रोटरी क्लब, लायनेंस व लायंस क्लब खण्डवा, लायनेंस व लायंस क्लब खण्डवा ग्रेटर व जेसीआई के पदाधिकारियों ने भी उपस्थित रहकर सहयोग प्रदान किया।
कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने निःषक्तजनों के कल्याण के लिए अनेकों कार्यक्रम प्रारंभ किए है। निःषक्तजनों को नौकरियों में 6 प्रतिषत आरक्षण की सुविधा दी गई है। इसके अलावा निःषक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, स्पर्ष अभियान, जैसे कार्यक्रम भी संचालित हो रहे है। उन्होंने बताया कि निःषक्तजनों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए वे हर संभव मदद करने को तत्पर रहते है। उन्होंने जिला प्रषासन की ओर से जिले के सभी निःषक्तजनों को आष्वस्त किया कि उन्हें जो भी मदद की जरूरत हो वे कभी भी बता सकते है निःषक्तजनों को हरसंभव मदद जिला प्रषासन द्वारा की जाएगी। 
पुलिस अधीक्षक डॉ. सिकरवार ने इस अवसर पर कहा कि जिन्हंे निःषक्त कहा जाता है वे वास्तव में बहुत सषक्त होते है उन्हें केवल थोड़े से सहयोग की जरूरत होती है सभी को निःषक्तजनों के सहयोग के लिए तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें निःषक्तजनों के प्रति दया नही दिखाना चाहिए बल्कि उनके प्रति सहयोग का भाव रखते हुए निःषक्तजनों की हरसंभव मदद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे दया के भाव से निःषक्तजन अपने आप को कमजोर समझते है अतः हम निःषक्तजनों के प्रति दया रखे तो लेकिन प्रदर्षित न करें बल्कि सहयोग का भाव ही प्रदर्षित करंे। पुलिस अधीक्षक डॉ. सिकरवार ने इस अवसर पर कहा कि निःषक्तजनों के सभी छात्रावासों में जिला पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के दूरभाष नम्बर अंकित कराये जायेंगे ताकि उन्हें कभी भी कोई परेषानी हो तो वे अपनी समस्या पुलिस को बता सकते है। उन्होंने कहा कि वे पुलिस अधिकारियों को निर्देष जारी करेंगे कि प्रत्येक छात्रावास में कोई न कोई पुलिस अधिकारी हर माह में एक बार आवष्यक रूप से जाकर निःषक्तजनों की समस्याएं सुने तथा उन्हें आवष्यक मदद दें। 
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण कर व दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कार्यक्रम में निःषक्त बच्चों ने आर्कषक नृत्य व राष्ट्रगान का गायन भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन आयोग मित्र श्री नारायण बाहेती ने दिया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष मानवाधिकार आयोग द्वारा स्थापना दिवस पर निःषक्तजनों के कल्याण विषय पर केन्द्रित कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देष प्राप्त हुए थे। अतः आज गौरीकुंज सभागृह में निःषक्तजनों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में श्री राजेष शुक्ला ने निःषक्तजनों की समस्याएं और उनका निराकरण विषय पर प्रजेन्टेषन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने निःषक्तजनों के लिए षिक्षा प्रोत्साहन योजना, विदेष मंे अध्ययन हेतु सहायता योजना, परिवहन भत्ता, निःषक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, जैसी अनेको योजनाएं संचालित की है। उन्होंने बताया कि देष में लगभग ढाई करोड़ लोग किन्ही कारणों से निःषक्त है इसमंे से प्रदेष में 8.10 लाख निःषक्तजन रहते है। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से नेत्रदान का संकल्प लेने की भी अपील की। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्षन श्री अनिल बाहेती ने किया। 

No comments:

Post a Comment