AAPKI JIMMEDARI

AAPKI JIMMEDARI

Tuesday 22 September 2015

पेंशनरों को जिंदा होने का प्रमाण देने अब खुद उपस्थित नहीं होना होगा

पेंशनरों को जिंदा होने का प्रमाण देने अब खुद उपस्थित नहीं होना होगा

खण्डवा 22 सितम्बर,2015 - मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों की सुविधा के लिये एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। प्रदेश में 24 सितम्बर से एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएफएमआईएस) परियोजना का प्रायोगिक क्रियान्वयन शुरू होगा। वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया 24 सितम्बर को भोपाल में परियोजना का शुभारंभ करेंगे।
यह व्यवस्था लागू होने पर कर्मचारियों और पेंशनरों को अनेक सुविधाएँ बहुत आसानी से मिल सकेंगी। पेंशनरों को अपने जिंदा होने का प्रमाण देने के लिये स्वयं उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं रहेगी। पेंशनरों को बायो-मेट्रिक पद्धति से बिना पेंशन कार्यालय जाये, जीवन प्रमाण-पत्र मिल जायेगा। कर्मचारियों के सेवा में प्रवेश से सेवानिवृत्ति तक के अभिलेख का संधारण होगा। सामान्य भविष्य निधि, समूह बीमा योजना, परिवार कल्याण निधि, अवकाश नगदीकरण, यात्रा देयक, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, अवकाश, अग्रिम आदि के लिये सभी आवेदन ऑनलाइन भरे जा सकेंगे। सभी आवेदन की ऑनलाइन स्वीकृति और ट्रेकिंग के साथ ही स्वीकृति की सूचना मोबाइल पर दी जायेगी। इस व्यवस्था में संवर्ग प्रबंधन, पदोन्नति, क्रमोन्नति प्रक्रिया के साथ-साथ वेतन निर्धारण, एरियर, वसूली गणना आदि ऑनलाइन हो जायेंगे। पेंशनर घर बैठे फार्म भर सकेंगे और पेंशन स्वीकृति प्रक्रिया ऑनलाइन हो जायेगी। पेंशन भुगतान आदेश घर बैठे डाउनलोड किये जा सकेंगे। जिलों द्वारा योजना प्रस्ताव का अनुमोदन तथा राज्य योजना आयोग द्वारा स्वीकृति की पूरी कार्यवाही कम्प्यूटरीकृत ऑनलाइन की जा सकेगी। ऑनलाइन बजट तैयारी और बजट पुस्तिकाओं का निर्माण होगा। ऑनलाइन बजट वितरण प्रक्रिया और सभी समर्पण, पुनर्विनियोजन, अनुपूरक अनुमान ऑनलाइन हो जायेंगे।
आईएफएमआईएस से सभी देयकों का जनरेशन, कोषालय में प्रस्तुति और आहरण स्वीकृति ऑनलाइन होंगी। निर्माण कार्यों का लेखा भी ऑनलाइन और कम्प्यूटरजनित होगा। कोषालय के दृढ़ कक्ष की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। साथ ही वांछित प्रारूप में रिपोर्ट बनाने की सुविधा होगी। महालेखाकार को लेखा प्रेषण ऑनलाइन होगा। ऑडिट के लिये सभी प्रकार की जानकारी एवं विश्लेषण की सुविधा होगी। आंतरिक एवं स्थानीय निधि संपरीक्षा तथा विभागीय जाँच संबंधी प्रक्रिया भ्री ऑनलाइन होगी। नस्ती पर लिखने की प्रक्रिया अब कम्प्यूटर प्रणाली में होगी। उक्त प्रणाली अन्तर्गत सुधार, परिवर्तन, संशोधन, आपत्ति, टीप का अभिलेख संधारित किया जायेगा। एक बार लिखी गयी टीप में परिवर्तन संभव नहीं होगा। निर्णय लेने के लिये पूर्व जानकारी, विश्लेषण, ग्राफिक्स, अनुमान, वृद्धि दर गणना आदि की सुविधा होगी। भारतीय रिजर्व बैंक और एजेंसी बैंकों के साथ प्रणाली का एकीकरण किया जायेगा। विभागों के कम्प्यूटरीकरण के साथ भी एकीकरण किया जायेगा।

No comments:

Post a Comment