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Thursday, 3 December 2020

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से बालिका ‘अगस्तिका‘ को मिला जीवनदान

 खुशियों की दास्तां

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से बालिका ‘अगस्तिका‘ को मिला जीवनदान 

खण्डवा 3 दिसम्बर, 2020 - खण्डवा के शास्त्री नगर के निवासी श्री राहुल गीते जो बच्चो को कोचिग पढाते है, उनके घर में 15 अगस्त 2019 को एक नन्ही परी बेबी अगस्तिका ने जन्म लिया। बेटी के जन्म से पूरा परिवार बहुत खुश हुआ, लेकिन कुछ ही दिनों में ज्ञात हुआ कि बच्ची जन्म से ही गंभीर हृदय रोग से ग्रसित थी। डॉक्टर्स को दिखाया तो उन्होंने बताया कि बच्ची अगस्तिका का उपचार इन्दौर में संभव नही है। इन्दौर के सीएचएल हॉस्पिटल के सीनियर हृदय रोग के सर्जन डॉ. मनीष पोरवाल ने कहा की इन्दौर मंे इसका आपरेषन नहीं किया जा सकता। यह सुनकर माता पिता एवं परिवार की खुषियों पर वज्रपात सा हो गया था। 

  एक दिन श्री राहुल गीते को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे मे पता चला तो वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहुंचे वहां श्री महेष पवार डी.ई.आई.एम. से मिले उन्हें पूरा प्रकरण बताया ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.एस. चौहान से मुलाकात की। बच्ची के पिता श्री राहुल गीते को डॉ. चौहान ने एस.आर.सी.सी चिन्ड्रन हॉस्पिटल मुम्बई में अगस्तिका के स्वास्थ्य परीक्षण की सलाह दी। राहुल ने अपनी बेटी को एस.आर.सी.सी चिन्ड्रन हॉस्पिटल मुम्बई में दिखाया तो उसे 3.30 लाख रूपये का ऑपरेषन का खर्चा बताया। 

  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम तहत जिला स्तर पर गठित टीम द्वारा तुरंत प्रकरण तैयार कर अगस्तिका के उपचार के लिए 3.30 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। स्वीकृति मिलने के तुरंत बाद बेबी अगस्तिका के परिजन कोरोना जैसी वैष्विक महामारी के दौरान भी एस.आर.सी.सी. चिल्ड्रन हॉस्पिटल पहंुचे। गत 18 जुलाई को हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद एस.आर.सी.सी. चिन्ड्रन हॉस्पिटल मुम्बई के हृदय रोग विषेषज्ञ डॉ. प्रदीप कौषिक और उनकी टीम ने अगस्तिका का सफल ऑपरेषन 22 जुलाई को किया। अगस्तिका को 8 दिन तक आई.सी.यू. में रखा गया और एक महीने तक अगस्तिका हॉस्पिटल में ही रही और हॉस्पिटल से 14 अगस्त 2020 को डिस्चार्ज हुई, और आज बेबी अगस्तिका बिल्कुल स्वस्थ्य है और पूरा परिवार आज स्वास्थ्य विभाग तथा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का आभार मानता है।

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