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Monday 28 January 2019

नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में जननी एक्सप्रेस की कमी को पूरा करेगी ‘जच्चा गाड़ी‘

गणतंत्र दिवस पर पहुंचविहीन क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को मिली
खुशियों की सौगात

नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में जननी एक्सप्रेस की कमी को पूरा करेगी ‘जच्चा गाड़ी‘स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने कलेक्टर की पहल की सराहना की

खण्डवा 27 जनवरी, 2019 - जिले के अधिकांश क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क मिलने से 108 एम्बूलेंस व जननी एक्सप्रेस को बुलाने में ग्रामीणों को कोई समस्या नहीं आती है। लेकिन जिले के खालवा विकासखण्ड के कुछ आदिवासी बहुल पहुंचविहीन ग्रामों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या होने से वहां के ग्रामीण चाहकर भी 108 एम्बूलेंस या जननी एक्सप्रेस को नहीं बुला पाते और सही समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण मजबूरी में वहां की गर्भवती महिलाओं के प्रसव घर पर ही करवाना पड़ते है। इस समस्या से निपटने के लिए कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने एक विशेष प्रयास करते हुए इस तरह की ट्राॅली ‘‘जच्चा गाड़ी‘‘ तैयार कराई है जो कि दूरस्थ क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को निकटतम सरकारी अस्पताल तक ले जायेगी, जिससे उनका सुरक्षित प्रसव हो सके। यह जच्चा गाड़ी किसी भी मोटर साइकिल से अटैच हो सकती है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तथा खण्डवा जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कलेक्ट्रेट परिसर में जिले की इस जच्चा गाड़ी को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया और कलेक्टर के इस प्रयास की सराहना की। इस अवसर पर मांधाता विधायक श्री नारायण पटेल, कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ बहुगुणा, जिला पंचायत के सीईओ श्री डी.के. नागेन्द्र, अपर कलेक्टर श्री बी.एस. इवने, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री महेन्द्र तारणेकर सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण मौजूद थे। 
किसी भी मोटर साइकिल में अटैच हो सकेगी जच्चा गाड़ी
        कलेक्टर श्री गढ़पाले ने इस अवसर पर बताया कि घर पर होने वाले प्रसव असुरक्षित रहते है। इसलिए गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशु के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल के लिए जरूरी है कि प्रसव अस्पताल में ही हो। खालवा के दूरस्थ मोबाइल नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में सरकारी जननी एक्सप्रेस व 108 एम्बूलेंस की सुविधा नही मिल पाती है। अतः जिले के अधिकांश घरेलू प्रसव खालवा क्षेत्र में ही हो रहे है। इस समस्या से निपटने के लिए यह जच्चा गाड़ी डिजाइन की गई है। आने वाले दिनों में इस तरह की और जच्चा गाड़ी भी तैयार कराई जायेगी तथा अलग अलग क्षेत्रों में उपलब्ध करा दी जायेगी। यह जच्चा गाड़ी गर्भवती महिलाओं की प्रत्याशित प्रसव तिथि से कुछ दिन पूर्व ही महिला के घर के पास रखवा दी जायेगी तथा इसको मोटर साइकिल से अटैच करने की महिला के परिवारजनों को समझा दी जायेगी। यदि गर्भवती महिला के घर में मोटर साइकिल नही है तो गांव के पटवारी, पंचायत सचिव या सरपंच को पाबंद किया जायेगा कि वो प्रसव के समय अपनी मोटर साइकिल से जच्चा गाड़ी को अटैच कर गर्भवती महिला को प्रसव केन्द्र ले जायें। 
नवम्बर 2017 में 223 प्रसव घरों में हुए, जबकि दिसम्बर 2018 में मात्र 14 प्रसव ही घरों में हुए
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने इस अवसर पर बताया कि संस्थागत प्रसव बढ़ने से शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है, इसलिए संस्थागत प्रसव शत प्रतिशत करने का जिले में प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नवम्बर 2017 में जहां 223 महिलाओं के प्रसव उनके घरों पर हुए थे। वहीं मार्च 2018 में यह संख्या घटकर 137 रह गई और सितम्बर 2018 माह में जिले में मात्र 20 प्रसव घरों पर हुए। वही अक्टूबर में 30 , नवम्बर में 25 तथा दिसम्बर 2018 में तो मात्र 14 प्रसव ही घर पर हुए। इस संख्या को जच्चा गाड़ी के माध्यम से शून्य पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश के कुछ राज्यों में संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए बाइक एम्बूलेंस की व्यवस्था की गई है, लेकिन इसमें स्वास्थ्य विभाग को बाइक क्रय करना पड़ती है और पेट्रोल और ड्राइवर की आवश्यकता भी होती है, साथ ही बाइक एम्बूलेंस को बुलाने के लिए मोबाइल नेटवर्क आवश्यकता होती है। लेकिन जच्चा गाड़ी की व्यवस्था में विभाग को न ड्राइवर की व्यवस्था करना होगी और न ही पेट्रोल की और न ही मोबाइल नेटवर्क की जरूरत होगी।

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