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Tuesday, 15 September 2020

खरीफ उपार्जन के लिए बनाए गए 12 पंजीयन केन्द्र

 खरीफ उपार्जन के लिए बनाए गए 12 पंजीयन केन्द्र

15 अक्टूबर तक किसान करा सकते है अपना पंजीयन

खण्डवा 15 सितम्बर, 2020 - खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 के लिए धान, ज्वार व बाजरा के उपार्जन के लिए पंजीयन की कार्यवाही शुरू हो गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी श्री आर.के. शुक्ला ने बताया कि किसानों के पंजीयन की यह कार्यवाही 15 अक्टूबर तक प्रातः 10ः30 बजे से सायं 5ः30 बजे तक की जायेगी। उन्होंने बताया कि जिले के धान, ज्वार व बाजरा उत्पादक किसानों से अपील की है कि वे अपना पंजीयन अवष्य करा लें। उन्होंने बताया कि इसके जिले में कुल 12 पंजीयन केन्द्र बनाए गए है।  पंजीयन केन्द्रों के अलावा किसान भाई पंजीयन के लिए एमपी किसान एप, ई उपार्जन मोबाइल एप अथवा पब्लिक डोमेन ई पोर्टल का उपयोग कर सकते है।
     जिला आपूर्ति अधिकारी श्री शुक्ला ने बताया कि जिले में जो 12 पंजीयन केन्द्र बनाए गए है, उनमें आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित गुड़ीखेड़ा, सेवा सहकारी समिति मर्यादित छैगांवमाखन, सेवा सहकारी समिति मर्यादित बड़गांव गुर्जर, तहसील सहकारी कृषि प्रक्रिया एवं विपणन संघ मार्के. खण्डवा, सेवा सहकारी समिति मर्यादित रूस्तमपुर, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित आशापुर, कृषक सहकारी विपणन एवं प्रक्रिया समिति मर्यादित खालवा, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति रोशनी, सेवा सहकारी समिति मर्यादित पंधाना, सेवा सहकारी समिति मर्यादित पुनासा, हरसूद को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी न्यू हरसूद एवं सेवा सहकारी समिति किल्लौद शामिल है।
    जिला आपूर्ति अधिकारी श्री शुक्ला ने समिति प्रबंधक, केन्द्र प्रभारी एवं डेटा एन्ट्री ऑपरेटर को निर्देश दिए है कि पंजीयन के समय कृषक को मूलभूत जानकारी में नाम, समग्र आई डी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, आईएफएससी कोड, मोबाईल नंबर व विक्रय की 3 विकल्प लाकर पंजीयन केन्द्र पर उपस्थित होने हेतु सूचित करेंगे। सिकमी व वन पट्टाधारी किसानों को सभी दस्तावेज, अनुबंध व पट्टे की प्रति भी केन्द्र पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। पंजीयन गिरदावरी के आधार पर होगा, इसलिए यह आवश्यक है कि कृषक पंजीयन से पूर्व अपने रकबे व फसल की पुष्टि ई गिरदावरी से कर लेवें। गिरदावरी से किसान को किसी प्रकार की आपत्ति होने पर गिरदावरी में ही दावा आपत्ति कर त्रुटि सुधार का प्रावधान राजस्व विभाग द्वारा किया गया है।
    जिला आपूर्ति अधिकारी श्री शुक्ला ने बताया कि पंजीयन उपरांत दावा आपत्ति व संशोधन नहीं की जा सकेगी। किसान को भुगतान सीधे खाते में किया जायेगा, इसके लिए किसान पंजीयन के समय केवल राष्ट्रीयकृत एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं के एकल बैंक खाते ही दर्ज कराए जाएं। जनधन खाते, ऋण खाते, नाबालिगों के खाते, बंद खाते व 6 माह से अक्रियाशील-रोके गए खाते पंजीयन में दर्ज न कराएं जिससे कि किसान भुगतान में विलंब न हो। संयुक्त खातेदार कृषक को अनुपातिक रकबे अनुसार पृथक पृथक पंजीयन कराने की सुविधा उपलब्ध है। सिकमी कृषक एवं वन पट्टाधारी का पंजीयन मात्र पंजीयन केन्द्र पर ही हो सकेगा, इस प्रकार के कृषकों को पंजीयन केन्द्र द्वारा सूचित किया जायगा। पंजीयन समिति के प्रबंधक, केन्द्र प्रभारी व केन्द्र पर पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए पंजीयन का कार्य सुचारू रूप से करना सुनिश्चित करेंगे। जिला उपार्जन समिति या नोडल अधिकारी द्वारा पंजीयन केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान यदि कोई अनियमितताएं पाई जाती है या कृषकों को अनावश्यक रूप से पंजीयन या उपार्जन में समस्या का सामना करना पड़ता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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