सफलता की कहानी
बुरे वक्त में संबल योजना ने कविता को दिया सहारा
खण्डवा 23 सितम्बर, 2020 - सच्चा साथी वही होता है जो बुरे वक्त में सहारा दें। प्रदेश सरकार की संबल योजना प्रदेश के गरीब लोगों के बुरे वक्त में सहारा देकर उनका सच्चा साथी सिद्ध हो रही है। खण्डवा के सिंघाड़ तलाई निवासी कविता तायड़े बताती है कि उनके पति श्री पूनम तायड़े मजदूरी करते थे। तीन बच्चों व पति के साथ जीवन अच्छी तरह से कट रहा था। एक दिन अचानक पति के पैरों में सूजन आईं कुछ दिन बाद पीलिया हो गया और गत 2 अप्रैल को पति श्री पूनम तायड़े का अचानक निधन हो गया। पति के निधन से परिवार पर तो मानो बिजली गिर गई, क्योंकि घर का एक मात्र कमाने वाला सदस्य चले जाने से सबसे बड़ी समस्या यह थी कि परिवार का पालन पोषण कौन करेगा। कुछ दिन बाद ही कविता ने बच्चों के पालन पोषण के लिए झाडू, बर्तन जैसे कार्यो में घरेलू मजदूरी शुरू कर दी।
कविता ने बताया कि उसके पति श्री पूनम तायड़े चूंकि मजदूरी करते थे इसलिए श्रम विभाग में उनका पंजीयन था। उसका लाभ यह मिला कि पति के निधन के कुछ दिन बाद श्रम विभाग के कर्मचारी घर आए और उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की संबल योजना के तहत परिवार के बुरे वक्त में उन्हें आर्थिक सहायता मिल सकती है। कविता ने श्रम कार्यालय जाकर सम्पर्क किया तो कुछ औपचारिकताओं की पूर्ति करने पर 2 लाख रूपये की मदद स्वीकृत हो गई। गरीब कल्याण पखवाड़े के दौरान कविता को 2 लाख रूपये की आर्थिक मदद मिल गई है, जिससे अब वह अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर सकेगी।
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