राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जनजागृति रैली निकली गई
खण्डवा: 7 फरवरी, 2017
मंगलवार को जिला अस्पताल परिसर खंडवा से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे .एस. अवास्या ने कैंसर दिवस व असंचारी रोग (4 फरवरी) एवं राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (9 फरवरी) के अवसर पर जन जागृति रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस रैली में नर्सिंग छात्राएं, आशा, स्वास्थ्य कार्यकर्ता विभागीय कर्मचारी व अधिकारी सम्मिलित हुए। हाथों में बैनर तख्तियां लेकर तथा माईकिंग के माध्यम से शहरवासियों को कैंसर रोग के प्रति जागरूक कर उन्हें संदेश दिया। रैली बॉम्बे बाजार, बस स्टेण्ड, मछली बाजार, जलेबी चौक से निकल कर जिला अस्पताल परिसर में समाप्त हुई । रैली में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. पी.सी. अग्रवाल, अंसचारी व कैंसर रोग नोडल अधिकारी डॉ. विजय मोहरे, डॉ. शरद हरणे, डॉ. अनिरूद्ध कौशल, डॉ. छाबड़ा, डॉ. राकेश रेवारी, डॉ. शक्तिसिंह राठौर, मीडिया अधिकारी व्ही.एस.मण्डलोई डीपीएचएनओ श्रीमती अनिता शुक्ला व स्टाफॅ कर्मचारी उपस्थित थे ।
आयोजित हुआ कैंसर श्ाििवर
7 फरवरी को ही जिला अस्पताल में प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक कैंसर रोगियों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में 442 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उपचार किया गया जिसमें कैंसर के 30 मरीज, कैंसर के संभावित 43 मरीज, दिमागी रोग से संबंधति 15 मरीज, हाईपरटेशन के 89 मरीज, मधुमेह के 65 मरीज, हृदय रोग के 31, सिकलसेल एनीमिया के 2 और अन्य 167 मरीजों को परीक्षण कर उपचार किया गया एवं निःशुल्क दवाईयां दी गई । शिविर में नोडल अधिकारी डॉ. विजय मोहरे, डॉ. अनिरूद्ध कौशल, डॉ. रश्मी कौशल, डॉ. अंजली जयसवाल, डॉ. गौरव उपाध्याय व्दारा सेवायें दी गई ।
रैली में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति का भी दिया संदेश
राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस 9 फरवरी को 3 लाख 75000 बच्चों को एल्बेंडाजोल गोली खिलाई जायेगी, जिसे आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को और 5 वर्ष से 19 वर्ष तक के शासकीय, अर्द्धशासकीय व निजि शालाओं के बच्चों को गोली खिलाने का कार्य तय किया गया है। रैली में राष्ट्रीय कृमिनाशक दिवस व कृमि से संबंधित जानकारी भी तख्तियों पर लिखे संदेशों, बैनर माईकिंग के माध्यम से दी गई । राष्ट्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए जिला व ब्लॉक स्तर आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य, आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण तथा शालाओं के शिक्षकगणों प्रशिक्षित किया है। कृमि होने से बच्चो में प्रतिकुल प्रभाव पड़ता है जैसे- बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में वृद्धि अवरूद्ध हो जाती है । कृमि कई कारणों से बच्चे के पेट पहुंच सकते है जैसे- नगे पैर खेलने, बिना हाथ धोये खाना खाने, खुले में शौच करने, साफ सफाई ना रखन से होते है और कृमि होने से खून की कमी (एनीमिया) कुपोषण, भूख न लगना थकान और बेचैनी, पेट में दर्द मिलती, उल्टी और दस्त आना, मल से खून आना, आदि हानिकारक प्रभाव पड़ते है । बच्चों को कृमिनाशक देने से कई तरह के लाभ होते जैसे- खून कमी में सुधार आना, बेहतर पोषण स्तर, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद, स्कूल और आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपस्थिति तथा सीखने की क्षमता में सुधार लाने में मदद करता है ।
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