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Wednesday 22 February 2017

भ्रूण हत्या की रोकथाम पर विधिक साक्षरता षिविर आयोजित

भ्रूण हत्या की रोकथाम पर विधिक साक्षरता षिविर आयोजित 

खण्डवा 22 फरवरी, 2017 -  माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के रिट पिटीषन के दिये गये निर्देष एवं मध्यप्रदेष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देषानुसार एवं श्री आर.के.गौतम, माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीष, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के मार्गदर्षन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा द्वारा श्रीमती रेखा आर. चंद्रवंषी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं प्रधान मजिस्ट्रेट किषोर न्याय बोर्ड की अध्यक्षता में माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय खण्डवा मंे भू्रण हत्या की रोकथाम विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती रेखा आर. चंद्रवंषी ने उपस्थित छात्राओं को भ्रूण हत्या से संबंधित कानूनी प्रावधानों को विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि पी.सी.एन.डी.टी. अधिनियम की धारा 22 के अनुसार गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व लिंग निर्धारण से संबंधित कोई विज्ञापन नहीं किया जावेगा। यदि कोई व्यक्ति या संगठन विज्ञापन करता है तो वह 3 साल के कारावास और 50 हजार रूपये तक के जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी कुमारी सुरभि सिंह सुमन द्वारा उपस्थित छात्राओं को भू्रण हत्या से संबंधित कानूनी प्रावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा की भूमिका के बारे में बताया कि उक्त अधिनियम की जानकारी महिलाओं को दी जाएगी और समुचित प्राधिकारी अथवा अदालत के समक्ष षिकायत दर्ज कराने में भी इनकी मदद की जा सकती है। साथ ही निःषुल्क विधिक सहायता योजना की जानकारी दी गई।
आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रीमती पी.एल. केसरी के साथ -साथ महाविद्यालय के षिक्षकगण, स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त श्री रघुवीर बामने, पैरालीगल वालेन्टियर श्री अभिनेष सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. अर्चना मुजमेर ने किया एवं आभार डॉ. शरद शर्मा ने माना। साथ ही मंगलवार को कुमारी सुरभि सिंह सुमन जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा जिला जेल खण्डवा का निरीक्षण किया गया एवं उपस्थित बंदियों को प्ली बार्गेनिंग विषय पर विधिक साक्षरता प्रदान की गई। इसके उपरांत बाल संप्रेषण गृह खण्डवा का निरीक्षण किया गया एवं उपस्थित बालकों को उनके अधिकार से अवगत कराया गया। 

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