खेतों में अधिक जलभराव हो, तो नाली बनाकर उसे बाहर निकाल दें
खण्डवा 24 अगस्त, 2016 - विगत कुछ दिनों से लगातार तेज वर्षा होने से खेतों के निचले हिस्सों में जलभराव हो गया है। ऐसी अवस्था के संबंध में उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि कल्याण विभाग ने सलाह दी है कि यदि खेतों में अधिक जलभराव है तो वे अतिरिक्त जल को नाली बनाकर बाहर निकाल दें, क्योंकि अधिक जलभराव की स्थिति में फसल गलकर खराब होने की आशंका बनी रहती है। कृषक अपने खेतों का नियमित भ्रमण करें तथा रोग अथवा कीट का प्रकोप दिखाई दे तो तत्काल संज्ञान में लेकर उसका उपचार करें। यदि इल्ली का प्रकोप दिखाई दें, तो कीटनाशक दवा- क्विनालफॉस, 1.5 लीटर प्रति/हेक्टेयर या इण्डोक्साकार्ब 500 मिलि लीटर प्रति/हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। चक्र भ्रंग (गर्डल-बीटल) दिखाई दें, तो इसके नियंत्रण हेतु ट्रायजोफॉस 800 मिलि लीटर का छिड़काव करें। यदि सोयाबीन के पत्तों/डंठलों पर काले रंग के धब्बे दिखाई दें, तो कॉर्बेन्डाजिम 250 ग्राम प्रति/हेक्टेयर तथा ट्रेब्यूकोनाजोल 250 ई.सी. 600 मि.लि. लीटर का छिड़काव करें । सोयाबीन की फसल में पीला मौजेक बीमारी के फैलाव को रोकने हेतु ग्रसित पौधे दिखने पर उन्हे तुरन्त उखाड़ कर फेक दें।
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