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Tuesday 16 August 2016

खेती से आय बढ़ाने के लिए कृषि विषेषज्ञों ने किया मंथन

खेती से आय बढ़ाने के लिए कृषि विषेषज्ञों ने किया मंथन

खण्डवा 16 अगस्त,2016 - षासन की महत्वाकांक्षी योजना ”कृषि से आय को दुगुना” के रबी मौसम में क्रियान्वयन  की रूपरेखा तैयार करने हेतु समन्वय समिति की बैठक कलेक्टर श्रीमती स्वाती मीणा नायक के मार्गदर्षन में कृषि विज्ञान केन्द्र में 14 अगस्त को सम्पन्न हुई । इस बैठक में उप संचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे, उप संचालक उद्यानिकी श्री पटेल, उपसंचालक पषुपालन डा. कुल्हारे, उप संचालक आत्मा श्री सोलंकी, मृदा संरक्षण अधिकारी श्री निगवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा. डी.के.वाणी , डा. रूपेष जैन, डा. आषिष बोबड़े, डा. वाय.के. षुक्ला, डा. एम. के. गुप्ता, कृषि विभाग के श्री भदौरिया आदि उपस्थित थे। 
उपसंचालक कृषि श्री चौरे ने  आगामी रबी मौसम में उन्नत तकनीकों को कृषकों तक पहुॅचाने,  लक्ष्यों के निर्धारण व क्रियान्वयन की रणनीति पर चर्चा षुरू की गई । वैज्ञानिकों ने सुझाव देते हुए गेंहॅू, चना, सरसों, प्याज की उन्न्त प्रजातियों के बारे में बतलाया। एस.डब्लू.आई. व एस.एम.आई. पद्धति के फैलाव के के लिए उप संचालक आत्मा के द्वारा सुझाव दिये गये। डा. बोबड़ ने बतलाया कि चने व अरबी में बीजोपचार करने से सूखा व अन्य रोग नहीं लगते है तथा हानि पर नियंत्रण होने से उत्पादन में वृद्धि होती है। डा. षुक्ला ने डी.ए.पी. की जगह जिंक कोटेड एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक को प्रसारित करने तथा बीजोपचार में तरल जैव उर्वरक के प्रयोग को बढावा देने को योजना में षामिल करवाया। डा. मुकेष गुप्ता ने गेंहूॅ में अधिक बीज दर को रोकने हेतु अनुषंसित बीज दर 40 किलो/एकड़ के प्रदर्षन हरेक ग्राम में डालने का सुझाव दिया। साथ ही डा. गुप्ता ने अन्तर्वर्तीय फसल के रूप में चनें में सरसों, गेंहॅू में मक्का लेने की सिफारिष की। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वाणी ने चने को रेज्ड बेड पर लगाने व कस्टम हायरिंग सेवाओं से रेज्ड बेड प्लांटर से बुआई को बढावा दिये जाने को योजना के लक्ष्यों में षामिल करवाया गया जिससे उत्पादन में 15 प्रतिषत तक बढोतरी होती है।अन्त में श्री चौरे द्वारा रबी मौसम की इन योजनाओं को अमल में लाये जाने हेतु फिल्ड लेवल की समुचित तैयारी करने हेतु मार्गदर्षन दिया गया। 

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