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Monday, 11 July 2016

प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सभी आवष्यक इंतजाम करें

प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सभी आवष्यक इंतजाम करें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने राजस्व व पुलिस अधिकारियों को दिये निर्देष

खण्डवा 11 जुलाई, 2016 - जिले के नदी नालों के आसपास के अतिक्रमण हटवायें ताकि नदी नालों में वर्षा के कारण जल स्तर अचानक बढ़ने की स्थिति में जानमाल की हानि होने की संभावना न रहे। शहरीय क्षेत्रों में नालों के किनारे अतिक्रमण होने से पानी का प्रवाह रूकता है जिससे निचली बस्ती में पानी भरने की संभावना बनी रहती है। पुलिस एवं राजस्व विभाग के नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे खुले रहे तथा उनमें कर्मचारियों की नियमित डयूटी लगाई जाये। यह निर्देष कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित राजस्व व पुलिस अधिकारियों की बैठक में दिए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री अनुराग सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल खाण्डेल, सभी एसडीएम, तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एवं डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट होमगार्ड श्री महेष हनोतिया सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। 
बांधों का पानी छोड़ने से 1-2 दिन पूर्व दें सूचना 
बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने ओंकारेष्वर व इंदिरा सागर परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि बांध से पानी छोड़ने के लगभग 1-2 दिन पूर्व जिला प्रषासन को इसकी सूचना आवष्यक रूप से दी जाये, ताकि नदी के किनारे के नागरिकों को समय रहते सूचित किया जा सके। उन्होंने गत दिनों ओंकारेष्वर बांध में अचानक 8 गेट खोले जाने से बांध के नीचे कार्य कर रहे 5-6 मजदूरों के साथ हुई घटना पर गहरी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि यदि भविष्य मंे इस तरह की पुनरावृत्ति होेने से कोई जनहानि होती है तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती नायक ने कार्यपालन यंत्री जल संसाधन श्री आर.के.शर्मा से भी कहा कि सुक्ता नदी पर स्थित डेम के गेट खोलने से पूर्व भी जिला प्रषासन को कम से कम 24 घंटे पूर्व सूचना दी जाये, ताकि नदी किनारे के निवासियों को समय रहते सूचना दी जा सके। 
राहत केन्द्रों के लिए स्थान व संसाधन सुनिष्चित कर लें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देष दिए कि अतिवृष्टि से जिन स्थानों पर बाढ़ की संभावना रहती है, वहां के शासकीय भवनों को बाढ़ प्रभावित नागरिकों के राहत षिविर के लिए चिन्हित कर लें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान राहत कार्यो में जिन जिन संसाधनों की जरूरत पड़ती है उनकी उपलब्धता अभी से सुनिष्चित कर लें। बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने निर्देष दिए कि राहत षिविरों में बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए भोजन, दवाईयां, शौचालय, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी अभी से सुनिष्चित कर ली जाये। उन्होंने कहा कि पूर्वी मध्यप्रदेष में भीषण बारिष को देखते हुये नर्मदा के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे ओंकारेष्वर बांध एवं इंदिरा सागर बांध का पानी छोड़ने की कभी भी संभावना बन सकती है, ऐसे में सभी तैयारियां अभी से कर ली जानी चाहिए। 
एसडीएम व एस.डी.ओ.पी. अपने वाहनों में एनाउन्सिंग सिस्टम लगवायें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने सभी एसडीएम व अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को निर्देष दिए कि वे अपने वाहनों पर पीए सिस्टम लगवाये ताकि प्राकृतिक आपदा की दषा में ग्रामीणों तक एनाउसमेंट करके अपनी बात पहुंचाई जा सके। उन्होंने राजस्व व पुलिस अधिकारियों से वाहनों में टार्च, बरसाती, छाता, रस्से, सर्च लाईट जैसी सामग्री भी रखने को कहा। उन्होंने एसडीएम पुनासा को आंेकारेष्वर मंदिर ट्रस्ट की राषि से एक नाव खरीदने की सलाह भी दी। उन्होंने निर्देष दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के मोबाईल नम्बर संकलित कर लें ताकि एसएमएस या मोबाईल के माध्यम से उन्हें पानी का स्तर बढ़ने की सूचना तत्काल दी जा सके। उन्होंने कहा कि नदी नालों के किनारे जो मकान है उनमें से संभावित खतरे की सीमा वाले मकानों पर लाल रंग से खतरे की सूचना अंकित करा दें। 

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