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Thursday 28 July 2016

स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के कर्मचारी समन्वय के साथ कार्य करें - कलेक्टर श्रीमती नायक

स्वास्थ्य व महिला बाल विकास के कर्मचारी समन्वय के साथ कार्य करें - कलेक्टर श्रीमती नायक

खण्डवा 27 जुलाई, 2016 - निजी भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों को यथाषीघ्र पास के सरकारी स्कूल या अन्य भवनों में षिफ्ट किया जायें। सभी गावों में शोर्यादलों का गठन कराये तथा अपने अपने क्षेत्र की किषोरी बालिकाओं की प्रोफाईल अपडेट तैयार करें। यह निर्देष कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की सुपरवाईजर्स की संयुक्त बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी मिलकर प्रयास करें कि कोई भी बच्चा या महिलाएं कुपोषित न रहे तथा गर्भवती महिलाओं व बच्चों का टीकाकरण समय पर हो। बैठक में जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रीता नाथ व जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेष गुप्ता भी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने दोनों विभाग की सुपरवाईजर्स को निर्देष दिए कि वे आपसी समन्वय के साथ कार्य कर यह प्रयास करें कि शत प्रतिषत प्रसव अस्पतालों में ही हो तथा घरों पर प्रसव न हो। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में घरों में प्रसव नही होना पाया जायेंगा वहां की महिला बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग की कार्यकर्ताओं को नगद पुरूस्कार देकर सम्मानित किया जायेगा। 
बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों व आंगनवाड़ियों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण करायें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में निर्देष दिए कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नियुक्त चिकित्सक क्षेत्र की आंगनवाड़ियां एवं स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित कर उसका व्यापक प्रचार प्रसार करायें तथा इस निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण करें ताकि अधिक से अधिक बच्चों के पालकों को इसकी खबर रहे एवं इन स्वास्थ्य परीक्षण षिविरों में अधिक से अधिक बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण हो सके। उन्होंने बच्चों का स्वास्थ्य रिकार्ड आंगनवाड़ी व स्कूलों में ही रखने के निर्देष भी दिए ताकि समय समय पर उसका परीक्षण किया जा सके। 
पोषण पुनर्वास केन्द्र की क्षमता अनुसार कुपोषित बच्चों को भर्ती करें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में सभी बीएमओ को निर्देष दिए कि उनके क्षेत्र में स्थित पोषण पुनर्वास केन्द्रों में जितने बच्चों को भर्ती करने की क्षमता है उसका शत प्रतिषत उपयोग करें तथा क्षेत्र के कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उनके कुपोषण का स्तर सुधारे। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री राजेष गुप्ता को निर्देष दिए कि वे अपनी सुपरवाईजर्स के माध्यम से कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती करायें। उन्होंने कहा कि जिन पोषण पुनर्वास केन्द्रों में निर्धारित क्षमता के अनुसार बच्चे भर्ती नही पाये जायेंगे, वहां के स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर्स के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि या तो कुपोषित बच्चों को खोजकर इन केन्द्रों में भर्ती कराये अथवा विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व सीडीपीओ यह प्रमाण पत्र जारी करें कि उनके क्षेत्र में कोई बच्चा कुपोषित ही नही है।

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