प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करें
- कलेक्टर श्रीमती नायक
खण्डवा 25 जुलाई, 2016 - केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी किसान हितैषी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर आधारित एक कार्यशाला सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने कृषि, सहकारिता व उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों तथा किसान संघ के प्रतिनिधियों को से कहा कि सभी मिलकर इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार करायें तथा इस योजना के संबंध में किसानों की शंकाओं का समाधान करें एवं हाल ही में प्रारंभ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभों के बारे में बतायें। कार्यषाला में उप संचालक कृषि श्री ओ.पी. चौरे, उपसंचालक उद्यानिकी श्री एस.एम. पटेल, सहित कृषि व उद्यानिकी विभागों के अधिकारी व बैंकर्स भी मौजूद थे। कार्यषाला में एग्रीकल्चर इंष्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के प्रषासकीय अधिकारी श्री विनित राजपूत ने योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने पावर पाईंट प्रजेन्टेषन के माध्यम से अधिकारियों को योजना के बारे में जानकारी दी।
कैसे फसल क्षति होने पर मिलेगी राहत
एग्रीकल्चर इंष्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड के प्रषासकीय अधिकारी श्री राजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्राकृतिक आग, बिजली , तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, भूस्खलन, जलभराव होने से फसल नुकसान होने पर बीमित किसानों को राहत दिए जाने का प्रावधान है। इस योजना में ऋणी किसानों का बीमा अनिवार्य किया जाता है, जबकि अऋणी किसानों का बीमा स्वेच्छिक आधार पर किया जाता है। इसके लिए किसानों को अपनी नवीनतम भू अधिकार पुस्तिका, सक्षम अधिकारी का बुआई प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, देकर फसल बीमा योजना में अपना पंजीयन करा सकते है।
प्रीमियम जमा कराने की अंतिम तिथि
खरीफ के लिए ऋणी और अऋणी किसान के बीमांकन तथा इसके तहत ऋणी किसानों के खाते में से प्रीमियम राशि काटने, अऋणी किसान के प्रीमियम एवं प्रस्ताव पत्र बैंक में जमा करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त निर्धारित है। जबकि रबी फसल के लिए 15 सितंबर से 15 जनवरी तक निर्धारित है। खरीफ के लिए बैंकों द्वारा बीमा कंपनी को घोषणा पत्र भेजने की अंतिम तिथि खरीफ फसल के लिए ऋणी किसानों के लिए 31 अगस्त एवं अऋणी किसानों के लिए 22 अगस्त निर्धारित है। इसी तरह रबी फसल के मामले में ऋणी किसानों के लिए यह तिथि 31 जनवरी रहेगी जबकि अऋणी किसानों के लिए 22 जनवरी निर्धारित है। फसल के औसत पैदावार के आंकडे प्राप्त करने की अंतिम तिथि खरीफ के लिए 31 जनवरी तथा तुवर और कपास के मामले में 31 मई निर्धारित है। जबकि रबी के लिए यह तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। योजना के तहत फसल पैदावार के आंकड़े प्राप्त होने के 3 सप्ताह के भीतर दावा भुगतान करने का प्रावधान इस फसल बीमा योजना में किया गया है।
फसल बीमा योजना की इकाई
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ मौसम में सोयाबीन, धान, बाजरा, मक्का व तुवर की फसल बीमा की इकाई पटवारी हल्का स्तर मानी जायेगी, जबकि ज्वार, पौधो, कुटकी, तिल , मूंगफली व कपास की फसल के लिए तहसील स्तर को इकाई माना गया है। मूंग व उड़द की फसल के बीमा के लिए जिला स्तर को बीमा इकाई माना गया है। इसी तरह रबी के मौसम में चना, राई, सरसों व गेंहू के लिए बीमा इकाई पटवारी हल्का तथा अलसी की फसल के लिए बीमा इकाई तहसील स्तर एवं मसूर की फसल में क्षति के लिए बीमा इकाई जिला स्तर निर्धारित है।
प्रीमियम की दरें
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नगदी एवं वार्षिक वाणिज्य फसलों के लिए बीमित राषि का 5 प्रतिषत अथवा वास्तविक दर जो भी कम हो वह प्रीमियम जमा कराना होगा। इसी तरह रबी फसल के लिए बीमित राषि का 1.50 प्रतिषत तथा खरीफ फसलों के लिए बीमित राषि का 2 प्रतिषत अथवा वास्तविक दर जो भी कम हो वह प्रीमियम जमा कराना होगा।
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