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Friday 15 May 2015

कृषकों को रोपणी तैयारी हेतु वैज्ञानिकों की सलाह

कृषकों को रोपणी तैयारी हेतु वैज्ञानिकों की सलाह

खण्डवा (15मई,2015) - उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि विगत वर्ष जिले में एवं समीपस्थ जिलों में मिर्च फसल बेहद खराब हो गई थी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि वैज्ञानिकों ने प्रक्षेत्रों के भ्रमण एवं प्रभावित फसल के परीक्षण के उपरान्त बताया कि वायरस के प्रकोप से मिर्च फसल इतने बड़े क्षेत्र में प्रभावित हुई थी, पुनः प्रकोप न हो इस लिए वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों एवं आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्र खण्डवा के दल ने सलाह दी है कि निरोग रोपणी तैयार करने के एकीकृत उपाय अपाए जावें जैसे रोपणी जमी से 6 इंच उठी हुई हो। रोपणी को सूर्य तापीकरण (सोलोराईजेषन) विधि द्वारा जीवाणु कीटाणु एवं खरपतवार रहित बनावें। रोपणी में जैविक फफूंदाषक ट्राइकोडर्मा विरीडी एवं कीटनाषक इमिडाक्लोरोपिड का उपयोग करें। वाईरस प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें। रोपणी में एक -एक बीज लाईन में निर्धारित दूरी पर ही बोये। रोपणी के आसपास टमाटर, पपीता, कपास की फसल न हो। रोपणी को 45-50 मेष की कीटरोधी जाली से चारो ओर मच्छरदानी जैसा ढंक दें। यदि संभव हो सके तो सीडलिंग ट्रे एवं कोकोपिट का उपयोग करते हुए पौध तैयार करें।
मुख्य खेत की तैयारी - जिस खेत में मिर्च का रोपा प्रतिरोपित किया जाना है उसकी पूर्व तैयारी निम्नानुसार करें। गर्मीयों में खेत की गहरी जुताई करें। उसी खेत का चयन करे जहा आसपास मिर्च, अनार, पपीते की फसल न हो। अधिक वर्षा की स्थिति में जल निकास की उत्तम व्यवस्था होना अत्यावष्यक है। रोपाई के समय ध्यान रखे रोपा 30-35 दिन से ज्यादा उम्र का न हो। मिर्च फसल में युरिया का असंतुलित उपयोग न करें। विषेषज्ञों की सलाह के बगैर दवाईयों का छिड़काव न करें। रोपाई के पूर्व रोपे की जड़ो को इमिडाक्लोरोपिड एवं कार्बेंडेजिम के घोल में 20-30 मिनट तक डूबोकर रोपाई करें। खेत के आसपास मक्का, ज्वार या बाजरा की 2-3 लाईने अवष्य लगावें। मिर्च की 15 लाईनों के बीच 1 लाईन गेंदा की लगाना लाभप्रद पाया गया है। 
क्रमांक/26/2015/488/काषिव

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