जल सत्याग्रह समाप्त करने हेतु शासन की पहल पर आंदोलनकारी
जमीन देखने हेतु रवाना हुये
खण्डवा (05मई,2015) - ओंकारेष्वर बांध का जल स्तर 189 मीटर से 191 बढ़ाने के विरोध में ग्राम घोघलगांव में विगत 20 दिनों से जल सत्याग्रह कर रहे नर्मदा बचाओ आंदोलन के समर्थकों की मांग पर राज्य सरकार एवं एनएचडीसी के अधिकारियों ने 4 मई 2015 को सत्याग्रहियों से हथिया बाबा आश्रम में चर्चा की। आंदोलनकारियों को यह अवगत कराया गया कि उनकी मांग पर मध्य प्रदेष शासन ने उदार रूख अपनाते हुये ओंकारेश्वर परियोजना के बाहर के जिलों में नर्मदा नदी के समीप स्थित कृषि भूमियों की जानकारी संकलित कराई है। ऐसे विस्थापित जिन्हें वैकल्पिक भूमि आवंटन की पात्रता है तथा अभी तक उन्होंने पुनर्वास के संबंध में किसी प्रकार का पैकेज अथवा विकल्प स्वीकारने के लिये सहमति नहीं दी है। उन्हें नरसिंहपुर जिले में उपलब्ध भूमि चुनने का विकल्प दिया जा सकता है।
आंदोलनकारियों द्वारा इस प्रस्ताव से सिद्धांततः सहमति व्यक्त करते हुये अवगत कराया कि 8-10 किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल उक्त जमीनें देखने जायेगा तथा यदि भूमि उपयुक्त पाई जाती है तो वे यह भूमि स्वीकार कर न सिर्फ अपना आंदोलन समाप्त कर देगें बल्कि परियोजना के क्रियान्वयन में भी सहयोग करेंगे।
दोनों पक्षों की सहमति अनुसार 5 मई 2015 को एनएचडीसी के दो अधिकारियों के साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधित्व के रूप में 9 किसानों का एक दल भूमि के निरीक्षण हेतु नरसिंहपुर जिले के लिये दोपहर में रवाना हुआ। इस दल को महाप्रबंधक, आरएंडआर, एनएचडीसी, खंडवा ने शुभकामनाओं के साथ रवाना किया।
क्रमांक/11/2015/472/काषिव
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