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Thursday 28 May 2015

कृषिमहोत्सव के तहत आशापुर की रात्रि चौपाल में कलेक्टर हुए किसानों से रूबरू

उन्नत व जैविक पद्धति अपनाकर किसान खेती को लाभ का धंधा बनायें
- कलेक्टर डॉ. अग्रवाल
कृषिमहोत्सव के तहत आशापुर की रात्रि चौपाल में कलेक्टर हुए किसानों से रूबरू 


खण्डवा 28 मई,2015 - इन दिनों कृषि महोत्सव के तहत कृषि क्रांति रथों का भ्रमण गॉंव-गॉंव मंे हो रहा है। रथों के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के तरीकों तथा उन्नत कृषि यंत्रों के प्रयोग के बारे में बताया जा रहा है। इस दौरान फिल्म प्रदर्षन कर भी किसानों को खेती के संबंध में नई-नई जानकारियॉं दी जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर डॉ. एम.के.अग्रवाल ने विकासखण्ड खालवा के ग्राम आषापुर मंे कृषि महोत्सव के तहत आयोजित रात्रि चौपाल में शामिल होकर किसानांे को कृषि क्रंाति रथ के माध्यम से नई-नई जानकारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खेती के उन्नत तरीकों को अपना कर ही किसान खेती को लाभ का धंधा बना सकते है। इस दौरान कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने उन्नत किसानों को शॉल व श्रीफल तथा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया तथा प्रगतिषील किसानों ने भी खेती के नए तरीके अपनाने से हुए लाभ के बारे में उपस्थित किसानों को बताया। इस दौरान एसडीएम श्री वर्मा, उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी.चौरे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
इससे पूर्व कृषि क्रांति रथ के गॉव में आगमन पर स्थानीय किसानों ने कलेक्टर डॉ. अग्रवाल का गेंहू भेटकर स्वागत किया जो कि उन्होंने गांव की आंगनवाड़ी के पोषण आहर हेतु कार्यकर्ता को सौंप दिया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ उन्होंने कन्या ,तुलसी व अन्न पूजन कर किया गया। कलेक्टर डॉ. अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए जरूरी है कि खेती की लागत कम की जायें इसके लिए किसान भाईयों को जैविक कीटनाषक व जैविक खाद तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि किसान भाई गॉव के कूड़ाकरकट व गोबर का इस्तमाल कर नाडेप पद्धति से उन्नत किस्म का खाद तैयार कर सकते है। ऐसा करने से न केवल धन की बचत होगी साथ ही गांव की साफ-सफाई भी होगी। उन्होंने किसानों को उन्नत किस्म के पषुपालनों तथा खेतों की मेढ़ो पर फलदार वृ़़क्ष लगाने की भी सलाह दी। 
आषापुर के जागरूक किसान अजय सिंह पवार ने इस अवसर पर ग्रामीणों को समझाया कि वे अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण कराकर यह पता लगा ले कि उनके खेत में कौन सी फसल अच्छी होगी तथा कितने क्षेत्र में कितनी खाद और कौन सी खाद डालनी होगी । ऐसा करने से खाद की बरबादी तो रूकेगी ही साथ ही खेती की लागत भी घटेगी। उन्होंने किसानों को बीज उपचार करके तथा बीजों की अंकुरण क्षमता का परीक्षण करके फसल बोने की सलाह दी। इस दौरान जनपद के सीईओ ने बताया कि आषापुर का चयन स्मार्ट ग्राम के रूप में भी हो चुका है। अतः आषापुर के हर गली मोहल्ले में सडक व नाली बनेंगी तथा नल-जल योजना से हर मोहल्ले को जोड़ा जायेंगा। उन्होंने बताया कि गांव के घर-घर से कचरा संग्रहण की व्यवस्था भी शीघ्र ही की जायेंगी।
क्रमांक/76/2015/536/षर्मा

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