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Wednesday 29 May 2019

नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम से ‘‘कावेरी‘‘ व ‘‘रूपारेल‘‘ नदियों को मिलेगा नवजीवन

विशेष लेख

नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम से ‘‘कावेरी‘‘ व ‘‘रूपारेल‘‘ नदियों को मिलेगा नवजीवन




खण्डवा 29 मई, 2019 - प्रदेश सरकार द्वारा नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत किसी ऐसी नदी का चयन किया जाना था जिसमें पर्याप्त पानी रहता था, लेकिन अत्याधिक भूजल के दोहन व जल संरक्षण व संबर्धन के अभाव में अब वह सूख चुकी हो। कलेक्टर श्री विशेष गढ़पाले ने बताया कि जिले में नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम के तहत पहले चरण में खण्डवा, छैगांवमाखन व पुनासा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों में पूर्व में बहने वाली ‘‘कावेरी नदी‘‘ को चयनित किया गया तथा इस सूख चुकी नदी के आसपास जल स्तर बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्य स्वीकृत किए गए। कावेरी नदी के पुर्नजीवन के लिए स्वीकृत किए गए जल संरक्षण के कार्यो में स्टॉप डेम, चेक डेम, निस्तार तालाब, पोखर, खेत तालाब, नाला विस्तारीकरण, गली प्लगिंग, गेवियन स्टेªक्चर, कन्टूर ट्रेंच के अनेकों कार्य शामिल है। 
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने बताया कि कावेरी नदी का उद्गम स्थल ग्राम पंचायत कवेश्वर जनपद पंचायत, खण्डवा के कवेश्वर कुण्ड से हुआ है तथा समापन इंदिरा सागर बांध में होता है। कावेरी नदी की लंबाई 54 किलो मीटर है एवं इस नदी का कैचमेंट एरिया 47091 हेक्टेयर है। नदी पुनर्जीवन के कैचमेंट में जिले की 3 जनपद पंचायतो खण्डवा, छैगांवमाखन व पुनासा विकासखण्डों की कुल 32 ग्राम पंचायते शामिल है। नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम अन्तर्गत नदी के कैचमेंट एरिया में रिज टू वैली सिंद्धांत अनुसार कार्यो के चिन्हांकन हेतु जिला स्तर से तकनीकी दल का गठन किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डी.के. नागेन्द्र बताते है कि इस तकनीकी दल द्वारा नदी के कैचमेंट एरिया में कई किलो मीटर पैदल चलकर नदी पुनर्जीवन के लिए चयनित कार्यो का चिन्हांकन किया गया, जिसमें जनपद पंचायत छैगांवमाखन में 98, खण्डवा 252 एवं पुनासा में 269 कार्यो का चिन्हांकन प्रथम चरण हेतु किया गया। इस प्रकार कुल 619 कार्य स्वीकृत किए गए जिनकी लागत 15 करोड़ 49 लाख 62 हजार रू. है। वर्तमान में स्वीकृत कार्य के विरूद्ध 509 कार्य भौतिक रूप से पूर्ण कर लिये गये है तथा 110 कार्य प्रगतिरत है। इन स्वीकृत कार्यो में 4.36 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होना है। श्री डी.के. नागेन्द्र ने बताया कि अब तक नदी पुर्नजीवन के लिए स्वीकृत कार्यो से कुल 1.40 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित किया जा चुका है। इस अभियान के तहत दूसरे चरण में कावेरी नदी में जल उपलब्धता बढ़ाने के लिए कुल 566 कार्य स्वीकृत किए गए है, जिनकी लागत 12 करोड 13 लाख 10 हजार रूपये है। 
नदी पुर्नजीवन कार्यक्रम के तहत कावेरी नदी के बाद दूसरे चरण में जिले की ‘‘रूपारेल नदी‘‘ का चिन्हांकन किया गया, जो कि हरसूद व खालवा विकासखण्ड के विभिन्न ग्रामों से होकर बहती थी, लेकिन पिछले कई वर्ष से लगभग सूख चुकी है। रूपारेल नदी के पुर्नजीवन के लिए जनपद पंचायत, हरसूद द्वारा 70 एवं जनपद पंचायत, खालवा द्वारा 173 इस प्रकार कुल 243 कार्य स्वीकृत किए गए है, इन कार्यो की लागत 316.73 लाख रूपये है। नदी पुर्नजीवन अभियान के तहत स्वीकृत कार्यो के पूर्ण होने पर नदी कैचमेंट एरिया में जल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे कि निश्चित ही जिले की कावेरी व रूपारेल नदियां पुनर्जीवित होकर कल-कल बहने लगेगी तथा इनमें सालभर पानी भरा रहेगा, जिससे क्षेत्र के गांवों में भूजल स्तर भी बढ़ेगा तथा ग्रामीणों व गांव के पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होगा। 

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