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Saturday, 1 September 2018

नागरिकों को अधिकारों के प्रति जागरूक करना पैरालीगल वालेन्टियर्स का मुख्य उद्देष्य है - जिला न्यायाधीष श्री शुक्ला

नागरिकों को अधिकारों के प्रति जागरूक करना पैरालीगल वालेन्टियर्स का मुख्य उद्देष्य है
- जिला न्यायाधीष श्री शुक्ला

खण्डवा 1 सितम्बर, 2018 - राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली की पैरालीगल वालेन्टियर्स योजना के तहत् वर्ष 2018-19 के लिये चयनित किये गये नवीन पैरालीगल वालेन्टियर्स के प्रषिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीष व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री संजय शुक्ला, द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्र्यापण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। प्रषिक्षण कर्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि कानून के संबंध में लोगों को जागरूक करना पैरालीगल वालेन्टियर्स का मुख्य उद्देष्य है लेकिन उद्देष्य की प्राप्ति के लिये यह जानकारी होनी चाहिए कि आपको क्या करना है। जब तक आपको जानकारी नहीं होगी, तब तक आप सहायता नहीं कर पाएंगे। कानून के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए यह प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है और प्राषिक्षण प्राप्त कर आप अपने क्षेत्र में जाकर अच्छा कार्य करेंगे। साथ ही प्रषिक्षण का लाभ उठाकर अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को कानून के प्रति जागरूक कर अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य करे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खंडवा द्वारा शनिवार को एडीआर सेंटर भवन में पैरालीगल वालेन्टियर्स के लिये एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती अनुराधा शुक्ला, विषेष न्यायाधीष श्री सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, अपर जिला न्यायाधीष एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खंडवा के श्री बी. एल. प्रजापति, चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीष श्री विवेक शर्मा, जिला रजिस्ट्रार श्री सुषील कुमार जोषी, जेल अधीक्षक श्री प्रभात चतुर्वेदी एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेष मंडलोई विषेष रूप से उपस्थित थे।
प्रषिक्षण कार्यक्रम के प्रथम सत्र में प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय श्रीमती अनुराधा शुक्ला ने हिंदू विवाह अधिनियम, मुस्लिम विवाह अधिनियम, दत्तक ग्रहण, भरण-पोषण, कस्टडी एवं गार्जियनषिप, न्यायिक पृथक्करण एवं तलाक, वसीयत, संपत्ति का अंतरण संबंधी प्रावधान एवं पंजीयन के बारे में विस्तारपूर्वक कानूनी प्रावधानों से अवगत कराया। प्रषिक्षण कार्यक्रम के अगले सत्र में अपर जिला न्यायाधीष एवं सचिव श्री बी. एल. प्रजापति ने विधिक सेवा प्राधिकरण मंे संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे निःषुल्क सहायता एवं सलाह योजना, मध्यस्थता योजना, विभिन्न लोक अदालत, विधिक साक्षरता षिविर, लीगल एड क्लीनिक एवं मध्यप्रदेष अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 की जानकारी विस्तारपूर्वक दी। साथ ही भारतीय संविधान प्रस्तावना, मौलिक अधिकार एवं मौलिक कत्र्तव्य, एफआईआर, धारा 138 चैक बाउंस, गिरफ्तारी, जमानत, अभियुक्त के अधिकार एवं महिलाओं संबंधी आपराधिक विधि के प्रावधानों के बारे में प्रषिक्षण दिया गया।
प्रषिक्षण कार्यक्रम के अगले सत्र में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री के. पी. मरकाम ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961, मेडिकल टर्मिनेषन आॅफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971, पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994, आईपीसी एवं सीआरपीसी के प्रावधानों के बारे में बताया। तत्पष्चात् न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री कपिल वर्मा ने बालकों से संबंधित कानूनी प्रावधान जैसे किषोर न्याय अधिनियम, बालश्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986, कारखाना अधिनियम 1948, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006, पास्को एक्ट की जानकारी के साथ किषोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के उद्देष्य कार्य एवं प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चंद्रेष मंडलोई ने पैरालीगल वालेन्टियर्स के उद्देष्य एवं कार्य, बेसिक कम्प्युनिकेषन, आॅबजर्वेषन एवं ड्राफ्टिंग स्किल्स, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित किये जाने वाले विधिक साक्षरता षिविरों में पैरालीगल वालेन्टियर्स के कत्र्तव्य एवं दायित्व (आवेदन लिखना, आवेदन का निराकरण करना, योजनाओं संबंधी जानकारी अधिक से अधिक लोगों को प्रदान करना) के बारे में प्रषिक्षण प्रदान किया गया। आयोजित प्रषिक्षण कार्यक्रम में जेल अधीक्षक श्री प्रभात चतुर्वेदी ने जेल नियमावली तथा बंदियों के लिये समय-समय पर जारी होने वाले दिषा-निर्देषों तथा पैरालीगल वालेन्टियर्स की बंदियों को कानूनी मदद में क्या भूमिका है, के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। एकीकृत बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर श्रीमती सुनीति कनोजिया ने महिला सषक्तिकरण विभाग द्वारा संचालित समेकित बाल संरक्षण योजना एवं चाईल्ड लाईन द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के बारे में प्रषिक्षण दिया गया। तत्पष्चात् लोक सेवा अधिकारी श्री शैलेन्द्र जादम ने मध्यप्रदेष शासन की महत्वकांक्षी योजना लोक सेवा गारंटी अंतर्गत आने वाले कानून जैसे - जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वोटर आईडी, राषन कार्ड, विवाह पंजीयन आदि के बारे में जानकारी दी गई एवं प्रक्रिया के बारे में प्रषिक्षण दिया गया।

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