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Sunday 23 September 2018

‘‘निरामयम् मध्यप्रदेश‘‘ अर्थात आयुष्मान भारत योजना के महत्वपूर्ण तथ्य

खण्डवा 23 सितम्बर, 2018 - मध्यप्रदेश में 23 सितम्बर से आयुष्मान भारत योजना का लाभ सवा करोड़ से अधिक लोगों को मिलने लगा है। प्रदेश में यह योजना ‘‘निरामयम् मध्यप्रदेश‘‘ के नाम से लागू की जा रही है। योजना से प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 37 लाख परिवारों को हर साल 5 लाख रूपये का निःशुल्क कैशलेस स्वास्थ्य सुरक्षा कवच मिल गया है।
योजना के मुख्य बिन्दु
ऽ प्रत्येक पात्र परिवार को रु.5.00 लाख तक प्रति वर्ष उपचार हेतु लाभ।
ऽ चिन्हित निजी एवं शासकीय अधिमान्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजो में मिलेगी सुविधा।
ऽ विभिन्न मेडिकल प्रोसिजर्स के लिए लगभग 1400 पैकेज निर्धारित।
ऽ 4 जटिल बीमारियों का उपचार भी शामिल।
ऽ स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैशलेस है। सीधे अस्पताल के खाते में सरकार भेजेगी राशि।
ऽ पात्र वंचित श्रेणी के परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कवच हेतु बीमा प्रीमियम का भुगतान शासन द्वारा किया जायेगा।
ऽ राष्ट्रीय हेल्प लाइन नं.- 14555
ऽ राज्य हेल्प लाइन नं. - 104 व 181
योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच निर्धन वर्ग के लोगों तक सुलभ बनाने के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा कवच उपलब्ध कराना है। यह स्वास्थ्य सुरक्षा कवच कैशलेस है, मतलब इसमें मरीज के उपचार का पैसा परिवार को न दिया जाकर, इलाज करने वाले अस्पताल को सीधे भुगतान किया जायेगा। खास बात यह है कि इस योजना का लाभ तो गरीब परिवारों को मिलेगा लेकिन, पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की स्थापना की जा रही है। इन्हें ग्राम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित किया जा रहा है। इन केन्द्रों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं के अलावा टेली मेडीसिन पद्धति से विशेषज्ञ चिकित्सकों का परामर्श भी मिल सकेगा। इन केन्द्रों में आयुष पद्धति और योग आदि के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली संबंधी परामर्श भी दिया जायेगा। प्रदेश में इन केन्द्रों में मध्यप्रदेश आरोग्यम् नाम दिया गया है।
योजना का लाभ लेने की प्रक्रिया
पात्र परिवार के सदस्यों को किसी भी बीमारी की स्थिति में शासकीय अस्पताल में अथवा चिन्हित निजी अस्पताल जाकर जाँच करवानी होगी। वहाँ पर डॉक्टर उनकी जाँच करके उपचार देंगे। यदि वह उपचार सरकारी अस्पताल में संभव होगा, तो उन्हें वहाँ भर्ती करवा दिया जायेगा। यदि वह इलाज मेडिकल कॉलेज में ही संभव होगा तो उन्हें वहाँ रेफर कर दिया जायेगा, जहाँ तय पैकेज के अनुसार उन्हें उपचार मिल सकेगा। जिला मलेरिया अधिकारियों को इस योजना का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। सरकार ने पहले से ही सभी पात्र परिवारों का सर्वे करवाकर सूची बनवा ली है। अगर परिवार के किसी सदस्य का नाम सूची में जुड़ नहीं पाया है या फिर गलत अंकित हो गया है, तो उसे ठीक करने के लिए भी व्यवस्था की गई है।
मरीजो को भटकना ना पड़े और कोई भी परेशानी न हो, इसके लिए चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान मित्रों की नियुक्ति की गई है। इनके माध्यम से नागरिकों को योजना की प्रक्रिया एवं कागजी कार्यवाही पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। चिन्हित अस्पतालों में आयुष्मान भारत कियोस्क भी स्थापित किये गये है, जिनका रंग इस तरह से तय किया गया है, कि मरीजों और परिजनों को ढ़ूँढ़ने में परेशानी न हो। पात्रता के विषय में जानकारी www.ayushmanbharat.mp.gov.in , http://mera.pmjay.gov.in/ वेबसाइट देखकर स्वयं जाना जा सकता है। आयुष्मान भारत मिशन योजना का प्रदेश में मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के अंतर्गत पंजीयन किया गया है।

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