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Thursday, 2 August 2018

योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों का कटेगा वेतन

योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों का कटेगा वेतन
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने स्वास्थ्य व महिला बाल विकास अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देष

खण्डवा 2 अगस्त, 2018 - स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने मुख्यालय पर रहें तथा बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़े। विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व परियोजना अधिकारी आईसीडीएस तथा दोनों विभाग की सुपरवाइजर्स नियमित रूप से भ्रमण करें। शासन द्वारा स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं में प्रत्येक त्रैमास के लिए दिए गए लक्ष्य को समय सीमा में प्राप्त किया जाये। लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुषासनात्मक कार्यवाही के साथ साथ उनके वेतन काटने के आदेष भी जारी किए जायेंगे। यह निर्देष कलेक्टर श्री विषेष गढ़पाले ने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों व गर्भवती महिलाओं के पोषण तथा टीकाकरण पर विषेष ध्यान दिया जाये। कुपोषित बच्चों को निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाये तथा उनकी माताओं को मजदूरी क्षतिपूर्ति का समय पर भुगतान किया जाये। तथा गर्भवती महिलाओं के प्रसव की प्रस्तावित तिथि से विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी व आईसीडीएस के परियोजना अधिकारी को अवगत कराया जाये, ताकि उसका संस्थागत प्रसव हो सके। जिन महिलाओं का प्रसव अस्पताल में नहीं हुआ हो, उन महिलाओं का प्रसव के 24 घंटे की समय सीमा में कुषल स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा परीक्षण किया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर संबंधित क्षेत्र की एएनएम, सेक्टर सुपरवाइजर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता का वेतन काटा जायेगा।  बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. रतन खण्डेलवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री संजय भारद्वाज सहित दोनों विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डाॅ. नितिन को निर्देष दिए कि विभिन्न ग्रामीण हाट बाजारों व स्वास्थ्य षिविरों में क्षय रोग के संभावित मरीजों के थूक व खखार की जांच की व्यवस्था की जाये तथा क्षय रोग पाए जाने पर संबंधित मरीज को क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत दवा का पूरा कोर्स दिलाया जाये। उन्होंने कहा कि अगले एक माह में क्षय नियंत्रण कार्यक्रम में उल्लेखनीय प्रगति नहीं आती है तो जिला नोडल अधिकारी डाॅ. नितिन की सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रारंभ की जाये। कलेक्टर श्री गढ़पाले ने खालवा क्षेत्र में ग्रामीणों में टीबी रोग के इलाज पर विषेष ध्यान दिए जाने की आवष्यकता बतायी। बैठक में उन्होंने निर्देष दिए कि कुपोषित बच्चों  का फिर से सर्वे किया जाये तथा चिन्हित बच्चों को निकटतम पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती कराया जाये। पूर्व में इन केन्द्रों में भर्ती बच्चों का फोलोअप राउंड भी किया जाये तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र से घर जाने के बाद यदि बच्चा फिर कुपोषित पाया जाता है तो उसे पुनः केन्द्र में भर्ती कराया जायें। उन्होंने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में कोई भी बेड खाली न रहे यह सुनिष्चित किया जाये। 
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देष दिए कि जिले में नए संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए कुछ नए अस्पतालों को प्रसव केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन प्रसव केन्द्रों पर जिन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पदस्थ किया गया है यदि वे अगले 3 दिन में कार्यभार ग्रहण नहीं करती है तो उन्हें पद से पृथक करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाये। उन्होंने कहा कि जो आषा कार्यकर्ता अपने कार्य में रूचि नहीं ले रही है उन्हें हटाकर नई कार्यकर्ता नियुक्त की जायें। 
बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने परिवार कल्याण कार्यक्रम, दृष्टिहिनता नियंत्रण कार्यक्रम, कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन्म के तुरंत बाद नवजात षिषु को किया जाने वाला टीकाकरण तत्काल किया जाना चाहिए। इस कार्य मंे लापरवाही बरतने पर संबंधित कार्यकर्ता के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। बैठक में कलेक्टर श्री गढ़पाले ने नवजात षिषुओं व प्रसूताओं की मृत्यु के प्रकरणों की भी समीक्षा की। उन्होंने आयुष चिकित्सकों को निर्देष दिए कि वे जिले के सभी छात्रावासों में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से करें तथा लोक कल्याण षिविर व राजस्व षिविरों में भी आने वाले ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करें।  

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