उर्वरक विक्रय में भी अनुदान सीधे हितग्राही के खाते में जमा होगा
खण्डवा 29 अगस्त, 2018 - भारत सरकार द्वारा 1 दिसम्बर 2017 से उर्वरक क्षेत्र में डी.बी.टी. पद्धति लागू हो चुकी है, जिसके अनुसार उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक का विक्रय पी.ओ.एस. मषीन के माध्यम से करना अनिवार्य है। उपसंचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देष दिए है कि जिन्होंने एम.एफ.एम.एस. में डीलर की नई आई.डी. नहीं बनवायी है तथा न ही अब तक पी.ओ.एस. मषीन प्राप्त की है वे तत्काल इस कार्यवाही को पूर्ण कर पी.ओ.एस. मषीन प्राप्त कर लें, क्योंकि इस योजना के लागू हो जाने के बाद बिना पी.ओ.एस. मषीन के उर्वरक विक्रय करना अवैध है तथा शासन के साथ धोखाधड़ी माना जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी उर्वरक विक्रेताओं को 5 सितम्बर तक कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके है जिनके जवाब उन्हें 5 सितम्बर तक देना है। श्री गुप्ता ने बताया कि जो उर्वरक विक्रेता मषीन तत्काल प्राप्त नहीं करेंगे उनका उर्वरक लायसेंस तत्काल निरस्त किया जायेगा।
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