पीड़ित की पहचान उजागर करने पर हो सकती है सजा
किषोर न्याय अधिनियम में 6 माह का कारावास व 2 लाख रू. जुर्माना का है प्रावधान
खण्डवा 24 अगस्त, 2018 - किषोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत प्रचार प्रसार के विभिन्न माध्यमों तथा सोषल मीडिया पर विभिन्न अपराधों में पीड़ित बालक, अपराध के साक्षी बालक तथा किसी नियम का उल्लंघन करने वाले बालक की पहचान उजागर करने तथा उसका फोटो प्रकाषित करने पर सजा का प्रावधान किया गया है। जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि किषोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत पहचान उजागर करने वाले को दोष सिद्ध होने पर 6 माह का करावास या 2 लाख रू. का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान किया गया है। सभी नागरिकों व मीडिया प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे सोषल मीडिया अथवा समाचार पत्रों या इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल्स पर फोटो या पीड़ित का नाम पोस्ट करते समय पूरी सांवधानी रखे और सुनिष्चित करे कि किषोर न्याय अधिनियम 2015 के इन प्रावधानों का उल्लंघन न हो।
No comments:
Post a Comment