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Friday 24 June 2016

कलेक्टर श्रीमती नायक ने पोषण पुनर्वास केन्द्र व चिकित्सालय का किया निरीक्षण

कलेक्टर श्रीमती नायक ने पोषण पुनर्वास केन्द्र व चिकित्सालय का किया निरीक्षण 

खण्डवा 24 जून, 2016 - कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने शुक्रवार को खालवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने औषधी वितरण केन्द्र, प्रसूति गृह, सहित अस्पताल के विभिन्न कक्षों में जाकर उपस्थित कर्मचारियों से चर्चा की। श्रीमती नायक ने इसके अलावा पोषण पुनर्वास केन्द्र का भी दौरा किया तथा वहां भर्ती कुपोषित बच्चो की माताओं से चर्चा की। उन्होंने बच्चों को दिए जाने वाले पोष्टिक आहार एवं उनकी माताओं को दी जाने वाली राषि के बारे में पूछताछ की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र की क्षमता बढ़ाई जायेगी ताकि अधिक कुपोषित बच्चों को वहां रखा जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान भवन के पास स्थित पुराने भवन को नीलाम कर उसके स्थान पर नया भवन बनवाया जायेगा। इस दौरान सहायक कलेक्टर सुश्री अदिति गर्ग, एसडीएम हरसूद श्री सुरेष चंद वर्मा सहित जिला चिकित्सा अधिकारी व विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे। 
कलेक्टर श्रीमती नायक ने अस्पताल परिसर में महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाईजर्स की बैठक लेकर उन्हें निर्देष दिए कि वे संयुक्त दौरे करें। उन्होंने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे दोनों विभाग की सुपरवाईजर्स की संयुक्त बैठक ले। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग की सुपरवाईजर्स का वॉटसअप गु्रप बनाया जाये तथा उससे कलेक्टर व एसडीएम को भी जोड़ा जाये ताकि विकासखण्ड एवं निचले स्तर पर हो रही गतिविधियों की जानकारी जिला स्तर पर भी रहे। कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि वॉटसअप ग्रुप में समय समय पर वे भी आवष्यक निर्देष दिया करेगी। उन्होंने कहा कि वर्षा के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियों के फैलने की काफी संभावना होती है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय अमले को ग्रामीण क्षेत्र में सक्रिय रहने की आवष्यकता है। अतः सभी सुपरवाईजर्स अपने क्षेत्र के ग्रामों का पूर्व निर्धारित तिथियों में नियमित रूप से दौरा करें। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री राजेष गुप्ता ने बताया कि खालवा विकासखण्ड में स्थित ग्रामों के कुल 12 क्लस्टर बनाये गये है। क्लस्टर स्तर पर महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की बैठकें आयोजित कर दोनों विभाग की योजनाओं की समीक्षा की जायेगी। कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि खालवा क्षेत्र की पहचान प्रदेष में कुपोषण व मातृ व षिषु मृत्यु दर अधिक होने के कारण है। अतः स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी व सुपरवाईजर प्रयास करे कि अगले दो वर्षो में षिषु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर अपने न्यूनतम स्तर पर आ जाये। उन्होंने विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी को निर्देष दिए कि प्रसव के पूर्व हाईरिस्क वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान पहले से कर ली जाये ताकि उन्हें जिला चिकित्सालय खण्डवा के लिए रेफर किया जा सके। उन्हें शासकीय वाहन से जिला चिकित्सालय भिजवाने व प्रसव उपरांत वापस बुलवाने की व्यवस्था की जाये। 

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