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Sunday 26 June 2016

सभी गभर्वती महिलाओं का प्रसव पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से करायें

सभी गभर्वती महिलाओं का प्रसव पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से करायें
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने दिये निर्देष

खण्डवा 26 जून, 2016 - जिले के सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी सुनिष्चित करें कि उनके क्षेत्र के ग्रामों में प्रत्येक गभर्वती महिला का पंजीयन अनिवार्य रूप से हो जाये तथा उसके बाद महिला का गर्भावस्था के दौरान चार बार स्वास्थ्य परीक्षण आवष्यक रूप से किया जाये। जिससे कि यदि महिला के प्रसव में कोई समस्या आने वाली है तो समय रहते उस समस्या का निराकरण किया जा सके। कुपोषित व कमजोर गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आवष्यक दवाईयां नियमित रूप से दी जाये। यह निर्देष कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने रविवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उपस्थित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिए। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती शुचिस्मिता सक्सेना, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एस. अवास्या, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री राजेष गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. ओ.पी. जुगतावत, जिला चिकित्सा अधिकारी व सभी विकासखण्डों के चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे। बैठक मंे कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि खालवा विकासखण्ड आदिवासी बहुल होने से वहा की गर्भवती महिलाआंे के स्वास्थ्य पर विषेष ध्यान दिये जाने की आवष्यकता है। खालवा क्षेत्र की आदिवासी गरीब गर्भवती महिलाओं में खून की कमी पाये जाने पर उन्हें खून चढ़ाने की व्यवस्था भी खालवा में की जाये। यदि खालवा में कोई समस्या हो तो उन महिलाओं को शासकीय वाहन से जिला चिकित्सालय ले जाने व वापस लाने की व्यवस्था की जाये।
 खालवा में बनेगा आदर्ष पोषण पुनर्वास कॉम्पलेक्स
बैठक में कलेक्टर श्रीमती नायक ने एक एक विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी से स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों को क्षेत्र के पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जाये यह कार्य महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर करें। उन्होंने कहा कि खालवा में कुपोषित बच्चों की अधिक संख्या को देखते हुये वहां लगभग 25 लाख रूपये लागत से पोषण पुनर्वास केन्द्र का विस्तार किया जा रहा है। यह कार्य जनभागीदारी से कराया जायेगा तथा खालवा के पोषण पुनर्वास केन्द्र को पोषण पुनर्वास कॉम्पलेक्स के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं की हीमोग्लोबिन कम होने पर उन्हें आयरन व फोलिक एसिड की गोलियां समय पर खिलाई जाये। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवस्या से कहा कि स्वास्थ्य विभाग की महिला कार्यकर्ताओं व एएनएम का युक्तियुक्तकरण कर उन्हें आवष्यकता अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ किया जाये। 
कोरकू आदिवासी महिलाओं से प्रेरक का कार्य लेकर उन्हें प्रोत्साहन राषि दी जायेगी
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि खालवा विकासखण्ड व आसपास के क्षेत्र में जहां कोरकू आदिवासी निवासरत है वहां उनके कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र मंे भर्ती कराया जाये। जो महिलाएं अपने बच्चों का वहां ईलाज कराकर वापस जाये उनमें से कुछ समझदार महिलाओं को पोषण पुनर्वास केन्द्र व उसका महत्व के बारे में संक्षिप्त प्रषिक्षण देकर उनका प्रेरक के रूप मंे उपयोग करे तथा उन्हें इसके लिए आवष्यक प्रोत्साहन राषि देने की व्यवस्था भी की जाये । कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि यह प्रषिक्षित महिलाएं कोरकू भाषा में अन्य आदिवासी महिलाओं को उनके कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र ले जाने के लिए प्रेरित करेंगी। 
प्रसव के दौरान किसी महिला की मृत्यु न हो यह सुनिष्चित करें
        कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि गर्भावस्था में नियमित स्वास्थ्य परीक्षण होने से गर्भवती महिला के प्रसव के दौरान आने वाली समस्या का अंदाजा लग जाता है। यदि प्रसव के दौरान किसी महिला की मृत्यु होती है और यह पाया जाता है कि उस महिला का गर्भावस्था के दौरान परीक्षण नही किया गया था तो संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियांे के विरूद्ध सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि हरहाल में यह सुनिष्चित किया जाये कि किसी महिला की प्रसव के दौरान मृत्यु न हो।
रोषनी व बोरीसराय में बिजली की व्यवस्था तत्काल करने के निर्देष
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में कहा कि गत दिनों खालवा विकासखण्ड के भ्रमण के दौरान ग्राम रोषनी के स्वास्थ्य केन्द्र मंे विद्युत आपूर्ति व्यवस्था नही थी। इसके साथ ही हरसूद के विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वहां के ग्राम बोरीसराय में नवनिर्मित चिकित्सालय भवन में बिजली की व्यवस्था अभी तक नही है। कलेक्टर श्रीमती नायक ने दोनों स्वास्थ्य केन्द्रों में अगले दो-तीन दिनों मंे बिजली कनेक्षन चालू कराने के निर्देष दिए। 
एम.सी.टी.एस. सॉफ्टवेयर से कुपोषित बच्चों व महिलाओं पर नजर रखें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि मदर चाइल्ड ट्रेकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से आंगनवाड़ी में दर्ज कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर पर नजर रखें। साथ ही आंगनवाड़ी में दर्ज महिलाओं के पोषण स्तर की जानकारी भी समय समय पर ली जाये। उन्होंने कहा कि जिले में मातृ एवं षिषु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी संयुक्त प्रयास करे। उन्होंने दोनों विभागों के क्षेत्रीय अमले की संयुक्त बैठकें क्लस्टर स्तर पर नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देष भी दिए। 
वर्षाकाल में मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए अलर्ट रहे
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों के साथ साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे अपने सुपरवाईजर्स व सीडीपीओ के माध्यम से वर्षा ऋतु में ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली मौसमी बीमारियों पर सतत नजर रखें। उन्होंने कहा कि जरा सी लापरवाही से स्थिति बिगड़ जाती है अतः वर्षा से पहले ग्रामीण क्षेत्र के पेयजल स्त्रोतों के शुद्धिकरण के लिए क्लोरीन टेबलेट व ब्लीचिंग पाउडर सभी गांव तक पहॅुंचाकर जल स्त्रोतों में तत्काल डलवायें। 

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