100 मिलीमीटर बारिष होने के बाद ही बोयें सोयाबीन
खण्डवा 17 जून, 2016 - सोयाबीन उत्पादक किसानों को सलाह दी गई है कि वे मानसून आगमन के बाद लगभग 100 मिलीमीटर वर्षा होने पर ही सोयाबीन की फसल बोयंे उप संचालक कृषि श्री ओ.पी. चौरे ने सोयाबीन फसल उत्पादक किसानों को समझाईष देते हुये बताया गया कि वे सोयाबीन की फसल बोते समय बीज का फफूंद नाषक थाइरम एवं कार्बेडाजिम से उपचार कर ले अथवा ट्रायकोडर्मा विरीडी से भी उपचार करके कीटनाषक थायोमिथाक्सम या इमीडाक्लोप्रिड से उपचार करें। बीजोपचार के बाद अच्छी गुणवत्ता वाले जीवाणु कल्चर रायजोबियम 5 ग्राम प्रतिकिलो बीज एवं पीएसबी कल्चर 5 ग्राम प्रतिकिलो बीज से बीज को उपचारित कर बोवनी करें। सोयाबीन की फसल में पीले मोजाईक से ग्रसित पौधों की पहचान कर उन्हें बीमारी की प्रारंभिक अवस्था मंे उखाड़कर नष्ट करें।
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