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Saturday 7 May 2016

कृषकों को गहरी जुताई व जैविक खाद के प्रयोग की सलाह

कृषकों को गहरी जुताई व जैविक खाद के प्रयोग की सलाह

खण्डवा 7 मई, 2016 - भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान द्वारा मई माह के लिये कृषकों को उपयोगी एवं आवश्यक सलाह दी गयी है। सोयाबीन कृषकों से कहा गया है कि तीन साल में एक बार गहरी जुताई  अप्रैल-मई  माह में अवश्य करें। उसके बाद बख्खर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। पूर्णतः सडी हुई गोबर की खाद 10 टन प्रति हेक्टयर की दर से खेत में डालें। वांछित किस्मों के सोयाबीन बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सोयाबीन की खेती के लिये आवश्यक आदान जैसे खाद, खरपतवारनाशक, कीटनाशक, बीज उपचार रसायन, कल्चर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उपलब्ध सोयाबीन बीज का भण्डारण स्वच्छ, हवादार एवं नमी रहित स्थान पर करें। किसान मानसून के पूर्व उर्वरकों का प्रयोग नहीं करें तथा गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली मूंग की खेती के लिये पीले मोजाइक प्रतिरोधी प्रजाति का ही प्रयोग करें।

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