अमानक उर्वरक एवं बीज प्रतिबंधित
खण्डवा 19 जनवरी ,2016 - कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान विभिन्न उर्वरक एवं बीज विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों पर निर्धारित गुणवत्ता का उर्वरक व बीज न पाए जाने पर उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग श्री ओ.पी. चौरे ने उर्वरकों व बीजों को अमानक घोषित किया है। इन उर्वरकों एवं बीजों के जिले में क्रय विक्रय व भण्डारण पर प्रतिबंध रहेगा।
उपसंचालक कृषि श्री चौरे ने बताया कि उर्वरक के जो नमूने अमानक पाये गये है, उनमें सेवा सहकारी समिति बिल्लौद द्वारा कृषक भारती का-आपरेटिव लिमिटेड नोएडा में निर्मित डी.ए.पी. 18ः46 उर्वरक, सेवा सहकारी समिति मर्यादित पिपलोद खास, और आ. जा. सेवा सहकारी समिति मर्यादित खारकला द्वारा बी.ई.सी. फर्टीलायजर्स लिमिटेड ए.जी.आई.डी.सी. जागडि़या में निर्मित सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित पाडल्या द्वारा महाधन फास्फेट लिमिटेड नारायणखेड़ी महिदपुर मंे निर्मित सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक, सेवा सहकारी समिति चमाटी द्वारा श्रीराम फर्टिलाईजर्स एण्ड केमिकल्स कीर्ति महल, नई दिल्ली में निर्मित डी.ए.पी. 18ः46 उर्वरक, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित धावड़ी द्वारा बालाजी फास्फेट प्रायवेट लिमिटेड देवास में निर्मित सिंगल सुपर फास्फेट और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित पाडल्या द्वारा कोरोमण्डल इंटरनेषनल लिमिटेड निमरानी में निर्मित सिंगल सुपर फास्फेट अमानक पाए जाने से इनके क्रय, विक्रय व भण्डारण पर जिले में प्रतिबंध लगाया गया है।
इसके अलावा बीज के जो नमूने अमानक स्तर के पाये गये है उनमें समिति प्रबंधक रामेष्वर सेवा सहकारी समिति खण्डवा द्वारा विक्रय किये जा रहे गेंहू के बीज, सांईदत्त एग्रो एण्ड हार्डवेयर कॉम्पलेक्स खण्डवा द्वारा बेचे जा रहे गेंहू के बीज तथा बलराम बीज उत्पादक सहकारी समिति खेड़ी द्वारा उत्पादित गेंहू के बीज शामिल है।
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