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Saturday 18 September 2021

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मदद से जगदीश ने प्रांरभ किया सेंट्रींग का व्यवसाय

 सफलता की कहानी
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मदद से जगदीश ने प्रांरभ किया सेंट्रींग का व्यवसाय

खण्डवा 18 सितम्बर, 2021 - खण्डवा जिले के पुनासा तहसील के ग्राम भोगांवा निवासी जगदीश ईंगला कारपेंटरी में कुशल कारीगर था, किन्तु वर्तमान में स्टील और लोहे के प्रचलन तथा पर्यावरण की दृष्टि से लकड़ी का उपयोग कम होने के कारण अपेक्षित आय नहीं होती थी। इस बीच सेंट्रींग का कार्य भी करता था। सेंट्रीग के कार्य में भी कुशल होने के बाद में किराए पर सेंट्रींग में उपयोगी सामग्री किराए पर लेकर छोटे स्तर पर कार्य करता रहा। जगदीश ने बताया कि किराए पर सामग्री लेने पर बहुत कठिनाई होती थी। बड़े निर्माण कार्याे का ठेका सामग्री के अभाव में या तो मिलता नहीं था और यदि मिलता था तो ठेके से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा किराए के भुगतान में ही जाता था। इससे मेहनत तो करता था किन्तु आय नहीं हो पाती थी। 

जगदीश कभी कभी सोचता कि स्वयं सेंट्रींग में उपयोगी सामग्री क्रय कर ली जाए, किन्तु आर्थिक व्यवस्था नहीं होने के कारण क्रय नहीं कर सका। सोचा किसी कहीं से ऋण लिया जाए किन्तु ऋण प्राप्त करने में भी सफल नहीं रहा। उसने बताया कि बाजार से भी रूपए ऋण के रूप में लिया जाए किन्तु इसमें ब्याज दर अधिक थी। एक दिन जगदीश को जानकारी मिली कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से सेंट्रींग के लिए ऋण मिल सकता है। उसने इस संबंध में जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय में संपर्क किया। जहाँ उसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की जानकारी विस्तार के साथ बताई गई। जगदीश ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र खण्डवा से दी गई जानकारी के आधार पर ऑन लाईन आवेदन किया। उसका प्रकरण निर्धारित समयावधि में बैंक ऑफ इंडिया ओंकारेश्वर भेजा गया। बैंक ने अपनी कार्यालयीन प्रक्रियाओं के बाद जगदीश को ऋण प्रदान किया। आज जगदीश स्वयं की सामग्री से सेंट्रींग के छोटे-बड़े ठेके लेता है। साथ ही अपने उपयोग के बाद शेष सामग्री किराए पर भी देता है। इससे उसेे अपेक्षानुरूप आय हो रही है। जगदीश ने बताया कि उसके परिवार के खर्च मजदूरों की मजदूरी और बैंक की किश्तों का भुगतान करने के बाद कुछ राशि की बचत भी हो जाती है।


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