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Saturday 31 December 2016

जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न

खण्डवा 31 दिसम्बर, 2016 - “नाबार्ड ने वर्ष 2017-18 के लिए खण्डवा जिले हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक के प्राथमकिता प्राप्त क्षेत्र में ऋण वितरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार कृषि ऋण, कृषि अधोसंरचना, कृषि सहायक गतिविधियों, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, आदि हेतु रुपये 2710 करोड़ की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार की है। इस संभाव्यतायुक्त ऋण योजना की पुस्तक का विमोचन 30 दिसबंर 2016 को कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक द्वारा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में किया गया। कलेक्टर श्रीमती नायक ने नाबार्ड द्वारा तैयार की गयी योजना के अनुसार ऋण वितरण करने का आह्वान सभी बैंक अधिकारियों से किया।
इस अवसर पर नाबार्ड के सहायक महाप्रबन्धक (जिला विकास) श्री मनोज वि. पाटील ने ऋण योजना की रुपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने प्रस्तुति के दौरान बताया कि जिले के 70 प्रतिशत किसानों के पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि हैं और ऐसे सीमान्त व लघु किसानों को फसल ऋण के साथ-साथ डेयरी, बकरी-पालन, मुर्गी-पालन, फलोद्यान, मत्स्यपालन आदि हेतु दीर्घावधि ऋण देने की अत्यन्त आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी खेती से हुए नुकसान की भरपाई इससे होने वाली आमदनी से पूरा कर किसान अपने घरेलू खर्चाे के साथ ही बैंक की किश्त का भुगतान भी समय पर कर सकें।
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैंकों को निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने के लिए अधिक मात्रा में ऋण वितरण किया जाए ताकि किसानों की आय 2021-22 तक दुगुनी की जा सके। उन्होंने विशेष रुप से डेयरी, ड्रीप, मल्चिंग, स्प्रिंकलर, पाईपलाइन आदि घटकों में किसानों को टर्म लोन उपलब्ध करवाने हेतु बैंकों को निर्देशित किया। जिले में डेयरी को बढ़ावा देने हेतु 2000 प्रकरण बनाकर प्रत्येक किसान को 4 पशु खरीदने हेतु कुल रुपये 40 करोड़ की योजना तैयार की गयी थी, लेकिन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अलावा अन्य बैंकों ने अभी तक ऋण देना प्रारम्भ नहीं किया है। कलेक्टर श्रीमती  नायक ने बैंकों को निर्देश दिए कि प्रकरणों का निपटारा आगामी दो माह में सुनिश्चित किया जाए। नाबार्ड द्वारा वर्ष 1988-89 से प्रति वर्ष प्रत्येक जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार की जाती है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार पीएलपी के आधार पर अग्रणी बैंक जिले की वार्षिक साख योजना तैयार करता है और इस योजना के अनुसार प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत ऋण वितरण का लक्ष्य जिले की समस्त बैंकों को दिया जाता है। 
  नाबार्ड डीडीएम श्री पाटील ने सूचित किया कि वर्ष 2016-17 में 2440 करोड़ की योजना के विरुद्ध आगामी वर्ष 2017-18 में रु 2710 करोड़ अर्थात् 11ः अधिक ऋण वितरण की संभावना है। इसमें कृषि ऋण हेतु रुपये 2368 करोड़, कृषि अधोसंरचना हेतु रुपये 26 करोड़, कृषि सहायक गतिविधियों हेतु रुपये 37 करोड़, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों हेतु रुपये 120 करोड़, शिक्षा व आवास हेतु रु 75 करोड़, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वयं सहायता समूह व प्रधानमंत्री जन धन योजना के लिए रुपये 50 करोड़ आवंटित किए गए हैं। साथ ही सामाजिक अधोसंरचना के अंतर्गत माध्यमिक शाला, अस्पताल, स्वच्छता, पेयजल के लिए रुपये 34 करोड़ की राशि इस वर्ष सम्मिलित की गयी है। इस अवसर पर श्री पाटील ने कलेक्टर श्रीमती नायक, सीईओ जिला पंचायत श्री वरदमूर्ति मिश्र, भारतीय रिजर्व बैंक के एलडीओ श्री पीयूष तेलरन्धे, बैंक ऑफ इंडिया के डीजेडएम श्री मेहरा, एलडीएम श्री के. पी. सोनिक, समस्त बैंकों के जिला समन्वयक, व सभी विभागाध्यक्षों को पीएलपी हेतु आवश्यक आंकडे़ उपलब्ध करवाकर सहयोग करने पर धन्यवाद दिया।

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