बलड़ी विकासखण्ड को आदर्ष विकासखण्ड के रूप मंे विकसित किया जायेगा
कलेक्टर श्रीमती नायक ने किल्लौद मंे बैठक लेकर योजनाओं की समीक्षा की
खण्डवा 15 जुलाई, 2016 - सबसे दूरस्थ विकासखण्ड बलड़ी को खण्डवा जिले के आदर्ष विकासखण्ड के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके लिए किल्लौद के सभी विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी व क्षेत्रीय कर्मचारियों को अपने अपने स्तर पर योगदान देना होगा। यह बात कलेक्टर श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित विकासखण्ड मुख्यालय किल्लौद में अधिकारियों की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि इस विकासखण्ड में आज मेरा पहला दौरा है और आज से यह दूरस्थ बलड़ी विकासखण्ड मेरा मनपसंद विकासखण्ड रहेगा। यहां विकास की अनेको संभावनाएं है, आवष्यकता अधिकारी व कर्मचारियों के समर्पित भाव से इस क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने की है। बैठक में जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती शुचिस्मिता सक्सेना, एसडीएम श्री सुरेष चंद वर्मा, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नरेन्द्र अरण्य सहित विकासखण्ड के सभी अधिकारी मौजूद थे।
दीपावली तक बलड़ी को खुले में शौच से मुक्त विकासखण्ड बनवाएं
कलेक्टर श्रीमती नायक ने जनपद के सभाकक्ष मंे आयोजित पंचायत सचिवों की बैठक में कहा कि मात्र 21 पंचायतों वाला सबसे छोटा व सबसे दूरस्थ विकासखण्ड को दीपावली तक खुले में शौच से मुक्त विकासखण्ड घोषित करना है। इस लक्ष्य को लेकर सभी पंचायत सचिव व अन्य विकासखण्ड अधिकारी आज से ही प्रयास प्रारंभ करें ताकि सभी 21 पंचायतें दीपावली से पूर्व खुले में शौच से मुक्त हो जाये। उन्होंने कहा कि इन सभी पंचायतों के सभी घरों में शौचालय निर्मित कराने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाये। इस कार्य मंे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आषा कार्यकर्ता, शौर्यादल के सदस्य, व गांव के जागरूक ग्रामीणों को प्रेरक के रूप में शामिल करें और ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाली हानियों के बारे में बताये। उन्होंने सभी पंचायत सचिवों से कहा कि आगामी 15 अगस्त को होने वाली ग्राम सभाओं मंे खुले में शौच जाने वालांे पर अर्थदण्ड का प्रावधान करने का निर्णय लें। ग्रामीणों के घरो में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरकों को स्वतंत्रता दिवस पर गांव में सम्मानित करने की व्यवस्था भी करे। उन्होंने उपसंचालक कृषि श्री ओ.पी. चौरे से कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड धारक सभी किसानों व कृषि विभाग के अन्य हितग्राही किसानों को वे अपने स्तर से शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करें।
पटवारी व सचिव मिलकर गांवों की दषा सुधारें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने पटवारियों व पंचायत सचिवों की संयुक्त बैठक लेकर उनसे कहा कि जिला प्रषासन की छवि बनाने व बिगाड़ने दोनों ही मामलों में पटवारियों व सचिवों की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। अतः यह दोनों मिलकर अपने अपने क्षेत्र की पंचायतों में बेहतर कार्य करें ताकि जिला प्रषासन की छवि अच्छी बने। उन्होंने कहा कि पंचायतों में सभी ग्रामीणों को उनकी पात्रता अनुसार योजनाओं का लाभ दिलाया जाये। ग्रामीणों के नामांतरण , बटवारें, सीमांकन जैसे छोटे छोटे कार्यो के लिए पटवारी उनसे चक्कर न लगवाये, बल्कि समय पर ग्रामीणों के कार्य करे।
पंचायतों को ग्रामीण सचिवालय के रूप में विकसित किया जाये
कलेक्टर श्रीमती नायक ने बैठक में पटवारियों व कृषि विस्तार अधिकारियों सहित अन्य सभी विभागों के पंचायत स्तरीय अधिकारियों से कहा कि वे अपने पंचायत कार्यालय में नियमित रूप से बैठकर ग्रामीणों की समस्याओं व आवेदनों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों के कार्य क्षेत्र में एक से अधिक पंचायतें शामिल है वे उन सभी पंचायतों में बैठने के लिए सप्ताह के अलग अलग दिन निर्धारित करें तथा इसकी सूचना पंचायत कार्यालय में अंकित भी कराये, ताकि ग्रामीणजन उन निर्धारित दिनों में उनसे सम्पर्क कर सके। कलेक्टर श्रीमती नायक ने कहा कि कार्यालयीन समय में कार्य दिवसों में पंचायत कार्यालय में ताला लगा न पाया जाये, यह व्यवस्था पंचायत सचिव सुनिष्चित करे। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव के मुख्यालय से बाहर होने की स्थिति में रोजगार सहायक पंचायत का ताला खोलकर कार्यालय में नियमित रूप से बैठे ताकि ग्रामीणों को समस्याओं के लिए इधर उधर न भटकना पड़े।
निर्माण कार्यो को समय सीमा में पूर्ण करायें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने पंचायत सचिवों व ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों को निर्देष दिए कि वे छोटे छोटे कार्यो को शीघ्रता से पूर्ण करें व वर्तमान में प्रचलित सभी कार्य इस वित्तीय वर्ष में ही पूर्ण करायें। उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम, पषुषेड, कपिलधारा कूप जैसे कार्य छोटे छोटे होते है लेकिन सचिवो व उपयंत्रियों की लापरवाही के कारण वर्षो तक पूर्ण नही होते है, इन कार्यो को शीघ्रता से पूर्ण कराया जाये। कलेक्टर श्रीमती नायक ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को क्षेत्र में अनार के उत्पादन बढ़ाने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि रेल्वे लाईन के पास स्थित इस विकासखण्ड के ग्रामों में नंदन फलोद्यान योजना के तहत अनार उत्पादन को प्राथमिकता से लिया जाये। उन्होंने कहा कि अभी रोजगार गारंटी योजना में पर्याप्त बजट उपलब्ध है, ऐसे में निर्माण कार्यो को शीघ्रता से पूर्ण करे ताकि उनका भुगतान भी तत्काल किया जा सके।
जनभागीदारी से आंगनवाड़ियो को आदर्ष बनायें
कलेक्टर श्रीमती नायक ने महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों को निर्देष दिए कि अगले दो माह में कम से कम 20 आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्ष आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में तैयार करें। उन्होंने कहा कि वे प्रत्येक माह किल्लौद का नियमित रूप से दौरा करेंगी तथा आंगनवाड़ी व स्कूलों का सतत निरीक्षण करेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जननी एक्सप्रेस व जननी सुरक्षा योजना से क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं व प्रसूताओं को लाभान्वित करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि हाईरिस्क वाली गर्भवती महिलाओं के प्रसव जिला मुख्यालय पर ही कराये जाये, इसके लिए प्राथमिकता से उन्हें जननी एक्सप्रेस उपलब्ध कराई जाये।
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