कारागार पाप भोगने का स्थान ही नहीं अपितु प्रायश्चित की साधना का स्थल हैं - सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण - श्री अतलसिया
खण्डवा 29 जून, 2021 - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा द्वारा मंगलवार को जिला जेल खण्डवा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री एल.डी. बौरासी के मार्गदर्शन में एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के सचिव श्री हरिओम अतलसिया की अध्यक्षता में व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री लक्ष्मण कुमार वर्मा की उपस्थिति व सहभागिता में विधिक साक्षरता शिविर एवं जेल का निरीक्षण किया गया।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के सचिव श्री हरिओम अतलसिया द्वारा बंदियों से कहा गया कि कारागार पाप भोगने का स्थान ही नही अपितु प्रायश्चित की साधना का स्थल हैं यहॉ पर आकर इस बात का चिन्तन करें कि हम जिस कारण से यहॉ आये है यहॉ से बाहर जाने के बाद ऐसा कार्य पुनः न करे जिससे कि यहॉं वापिस आना पड़े, क्योंकि आपके यहॉ रहने से आप व आपकेे परिवार के भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने के साथ ही आपके परिवार को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही उनके द्वारा कहा गया कि यह भी सर्वविदित है कि कोई भी महिला या पुरूष जन्म से अपराधी नही होते है और न ही स्वैच्छता से कारागार में प्रवेश लेते हैं, कभी कभी समाज में गरीबी, अज्ञानता, भय, क्रोध व दुर्घटनात्मक, नशे के प्रभाव के चलते परिस्थितियों के कारण व्यक्ति से अपराध घटित हो जाता है। इसलिये व्यक्ति को हमेशा कोई भी कार्य करने से पहले उसके दुष्परिणाम के बारे में विचार करना चाहिए। साथ ही उनके द्वारा बंदियों को नशे के दुष्परिणाम आदि के बारे में बताते हुए योग/व्यायाम के फायदे के बारे में बताते हुऐ अन्य कानूनी जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर उपस्थित अधिकारीगण द्वारा जेल का निरीक्षण कर कोरोना महामारी के बचाव के संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाने एवं जेल के अन्दर पर्याप्त साफ-सफाई, स्वच्छ भोजन, स्वच्छ जल एवं जेल में सेनेटाइजर का छिड़काव किये जाने, नियमित रूप से समय-समय पर बंदियों केे हाथ धुलवाये जाने तथा चेहरे पर मॉस्क का उपयोग करने हेतु निर्देशित किया गया।
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