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Tuesday 29 June 2021

परिवार संस्था खालवा द्वारा निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की

 परिवार संस्था खालवा द्वारा निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की

खण्डवा 29 जून, 2021 - सन 2003 में आईआईएम कोलकाता से स्नातकोत्तर करने के बाद जब विनायक लोहनी ने मानवतावादी संगठन ‘‘परिवार एजुकेशन सोसायटी‘‘ की स्थापना की। उनका लक्ष्य स्वामी विवेकानंद की शिक्षा के अनुसार ‘‘मनुष्य में परमात्मा‘‘ की सेवा करना था। अब तक 17 साल में, परिवार ने बच्चों की कुल देखभाल और समग्र विकास की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है। यह वह बच्चे हैं जो अत्यधिक गरीब, शोषित वर्गों से हैं, जिनमें अनाथ, सड़क पर रहने वाले बच्चे, आदिवासी क्षेत्रों के बेहद गरीब बच्चे शामिल हैं।
  विनायक लोहनी ने 3 बच्चों के साथ एक छोटा आश्रय गृह स्थापित करके सन 2003 में सीधे आईआईएम कोलकाता से निकलने के बाद परिवार शुरू किया। छोटा सा आश्रय गृह देखते ही देखते 2200 से भी ज्यादा बच्चों का आवासीय शैक्षणिक संस्थानों में विकसित हो गया। सन 2016 में सेवा कुटीर नामक अद्वीतीय संकल्पना के माध्यम से परिवार का विस्तार मध्यप्रदेश में होने लगा, जो ग्राम समुदाय द्वारा दिए गए स्थानों में चलाये जाते हैं। इन सेवा कुटीरों के माध्यम से परिवार मध्य प्रदेश के 8 जिलों के 280 आदिवासी गांव में 30,000 से भी ज्यादा बच्चों को पूर्णतः निःशुल्क शिक्षा और भोजन उपलब्ध करा रहा है (श्योपुर, देवास, मंडला, सीहोर, छिंदवाड़ा, खंडवा, डिंडोरी और विदिशा). सेवा कुटीरों के माध्यम से अब तक लगभग 3 करोड़ भोजन उपलब्ध कराया गया है। यह समुदाय समर्थित मॉडल के माध्यम से पूरे देश में आंतरिक जनजातीय क्षेत्र में सबसे बड़े भोजन एवं शिक्षा कार्यक्रम में से एक बन गया है। परिवार उच्च शिक्षा के लिए प्रत्येक जिलों में आवासीय शिक्षण संस्थान भी बना रहा है जो सेवा कुटीर मॉडल के वर्टीकल एकीकरण के रूप में काम करेगा।
        सेवा कुटीर मॉडल आदिवासी बच्चों की दोहरी समस्याओं, गंभीर कुपोषण और खराब शिक्षण परिणामों को संबोधित करने के लिए एक बहुत शक्तिशाली और अद्वितीय जरिया है। ये क्षेत्र सबसे अधिक गरीब है और इनमें ऐसे समुदाय हैं जिनका पोषण और स्वास्थ्य कार्यक्रम में सबसे खराब प्रदर्शन रहती है, जैसे कि श्योपुर जिले के सहरिया जनजाति जो अवरुद्धता और एनीमिया सूचकांक में बहुत ही दयनीय स्थिति में है।
  सेवा कुटीरों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता की पूरक शिक्षा, खेल और अन्य सह पाठयक्रम गतिविधियों के लिए 6 घंटे सुबह और शाम बच्चों को प्रदान की जाती है। दिन के समय बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजा जाता है। पर्याप्त पौष्टिक भोजन से बच्चों का  Body Mass Index बढ़ा दिया है और साथ ही साथ एनेमिया और अवरुद्धता को भी कम कर दिया है। सेवा कुटीर की शिक्षा ने सीखने के परिणामों में सुधार लाने में बहुत मदद की है। ग्राम समुदाय ने इन सेवा कुटीर को चलाने के लिए गांव में उपयुक्त स्थानों की पेशकश की है, जिसके कारण परिवार की अवसंरचना लागत शून्य है। ग्राम समुदाय बच्चों को जुटाने और सेवा कुटीरोंमें स्वयं सेवा देने के लिए एक महत्वपूर्ण हितधारक हैं।
         शिक्षा और पोषण अलावा परिवार संस्था राहत और विकास के अन्य कार्य भी बृहद रूप में करती है। वृक्षारोपण, कम्बल एवं स्वेटर वितरण, जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क एंबुलेंस सेवा, मोबाइल डिस्पेंसरी, स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवायें प्रदान करवाना ये सभी कार्य नियमित रूप से होते हैं। परिवार संस्था द्वारा खालवा तहसील के सभी गांवों के लिए निःशुल्क एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की गई, जो कि पूर्णतः निःशुल्क और 24 x 7 उपलब्ध रहेगी। जिसका शुभारंभ मंगलवार को एसडीएम हरसूद डॉ. परीक्षित झाड़े एवं ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी श्री डॉ. शैलेंद्र कटारिया के सानिध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर एसडीओएफ श्री एस. आई. गडरिया भी मौजूद रहे। संस्था की ओर से अंकित जोशी, रामकृष्ण मीणा, मयूर उपाध्याय और राजाराम साठे उपस्थित रहें।

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