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Wednesday 23 June 2021

रानू देवड़ा के सराहनीय प्रयास

 सफलता की कहानी
रानू देवड़ा के सराहनीय प्रयास

खंडवा 23 जून, 2021 - ग्राम पंचायत कावेश्वर विकासखण्ड खंडवा की कुमारी रानू देवड़ा एक छोटे से गाँव कावेश्वर की साधारण से कृषक परिवार की लड़की है। इसके परिवार में वह बड़ी बहन है। उसकी दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है। रानू की पढ़ाई में रूचि देखकर उसके परिवार वालों ने उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया तथा वे रानू का किसी बालिका छात्रावास में प्रवेश दिलाना चाहतें थे। बालिका छात्रावास बोरगांवखुर्द की टीम ने कावेश्वर ग्राम का दौरा किया और बालिकाओं को पढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया। रानू के पिता श्री शेरू देवड़ा को भी बालिका शिक्षा का महत्व बताया व बालिका छात्रावास बोरगांवखुर्द की जानकारी दी। समझाने के उपरांत बालिका के पिता ने बालिका को 2018 में छात्रावास में प्रवेश दिलवाया ।प्रारंभ में बालिका छात्रावास के वातावरण में घुलने-मिलने में समय लगा और ठीक से हिन्दी पढ़ने व शिक्षक के सामने बोलने में कठिनाई थी किन्तु धीरे-धीरे रानू की छात्रावास में रहते पढ़ाई में रूचि बढ़ी और वह हर गतिविधि में भाग लेने लगी। बालिका ने छात्रावास में रहकर आत्मरक्षा हेतु व्यावसायिक कौशल के अंतर्गत कम्प्यूटर चलाना,पेंटिंग, टाईपिंग,मेहन्दी, रंगोली, क्राफ्ट का कार्य सीखा और बागवानी के तहत् सब्जी लगाना, गार्डन की साफ-सफाई में योगदान देना आदि में भी रूचि ली। रानू को उसके शिक्षकगण, वार्डन एवं सहायक वार्डन समयानुसार सहयोग एवं प्रशंसा करते थे।

बालिका की उपलब्धियां

बालिका हर वर्ष कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करती है और दूसरी गतिविधियों जैसे- निबंध, भाषण, कहानी, कविता आदि में भाग लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। आत्मरक्षा हेतु रानू ने कराटे का प्रशिक्षण भी लिया है। बालिका की गणित एवं अंग्रेजी विषय में अधिक रूचि है। वह भविष्य में शिक्षक बनना चाहती है। बालिका छात्रावास बोरगांवखुर्द में रहकर अनुशासन में रहना सीखा, समय का सदुपयोग करना सीखा। वर्तमान में बालिका छात्रावास की लीडर होकर अन्य सभी अध्ययनरत् छात्राओं को पढ़ाई के लिए निरंतर प्रयास करती है। रानू पिता शेरू द्वारा कोरोनाकाल में शालाएं बंद थी किन्तु छात्रा की रूचि पढ़ाई के प्रति कम नहीं हुई। वह प्रतिदिन राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से भेजे गये डिजिलेप नियमित देखती और उससे संबंधित गृहकार्य करती है। संबंधित शिक्षक से मोबाइल द्वारा चर्चा भी करती है। माता-पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के पश्चात् भी उन्होंने छात्रा व उसके भाई-बहनों को एन्ड्राइड मोबाइल लाकर दिया और बच्चों को पढ़ाई हेतु प्रोत्साहित किया। छात्रा रानू ने होस्टल वार्डन सुनीता वर्मा एवं अन्य शिक्षक- शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में ग्राम के अन्य बच्चों को 12 जनवरी को सूर्यनमस्कार करवाया व उसी दिन से वह प्रतिदिन योगा क्लास ले रही है। रानू छात्रावास की दिनचर्या का पालन अपने मूल ग्राम कावेश्वर में भी करती है। रानू ने विज्ञान मॉडल व अन्य विषयों की प्रोजेक्ट फाईल स्वप्रेरित होकर बनाई जिससे उसे अपने परिवार ने भी सराहा। वाट्सएप बेस्ड असिसमेंट भी वह नियमित रूप से कर रही है। छात्रा जिस परिवेश से आई थी उसमें उसने बहुत सुधार किया है। जैसे रहन-सहन, व्यवहारिक बोलचाल, स्वच्छता आदि में सुधार हुआ। बालिका आगे भी इसी तरह उन्नति करेगी। रानू जीवन में आगे बढ़े और ऊँचाइयों को छुए।

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