विशेषज्ञों के दल ने गेहूं फसल सूखने संबंधी षिकायत की जांच की
खण्डवा 21 जनवरी, 2020 - पंधाना विकासखण्ड के ग्राम अम्बापाट एवं आसपास के गांव में गेहूं फसल सूखने संबंधी षिकायत कृषकों द्वारा की गई थी। गत सोमवार को कृषि विभाग के निरीक्षण दल द्वारा प्रभावित गेहूं फसल का निरीक्षण किया गया है। उप संचालक कृषि श्री आर.एस. गुप्ता ने बताया कि जांच दल में डॉ. व्हाय. के. शुक्ला मृदा वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र खण्डवा डॉ. आषीष बोबड़े पौधे रोग वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र खण्डवा, डॉ. ऋषिकेष मण्डलोई, कीट वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय खण्डवा, श्री एल.एस. मण्डलोई, अनुविभागीय अधिकारी कृषि खण्डवा श्री यू.एस.आर. प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं श्री सुमेर सिंह सोलंकी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा द्वारा कृषकों की उपस्थिति में प्रभावित गेहूं फसल का निरीक्षण किया गया है।
उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि फसल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पूर्व में तनाभेदक कीट का प्रकोप हुआ था जिससे गेहूं फसल प्रभावित हुई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गेहूं फसल पर बहुत कम मात्रा में तनाभेदक कीट का प्रकोप पाया गया। साथ ही कहीं कहीं पर कुछ पौधों की पत्तियों पर बहुत कम मात्रा में लीफ ब्लाईट रोग के लक्षण पाए गए। वर्तमान में गेहूं फसल संतोषजनक है कीट रोग व्याधी का प्रकोप दिखने पर किसानों को कीट नियंत्रण के लिये इमामेक्टीन बेंजोएट 4.50 मि.ली. प्रति पंप तथा कहीं कहीं पर फंगस बीमारी होने पर फंगस बीमारी नियंत्रण के लिये कार्बेन्डाजाइम + मेंकोजेब या कार्बोक्सिन $ थायरम 30 ग्राम प्रति पम्प के मिश्रण करने की सलाह दी गई है।
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